नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आज संसद में क्रिकेट के जरिये सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की भावना को नहीं भूलने का संदेश दिया। गोहिल ने संसद के ऊपरी सदन में दिए अपने भाषण में कहा कि ऑस्ट्रलिया के खिलाफ भारतीय टीम को जीत दिलाने वालों में सभी धर्मों के खिलाड़ी शामिल थे। यह भारत की राष्ट्रीय एकता का सही प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दिलों को तोड़ने की बात करने वालों को समझना होगा कि विविधता में एकता ही भारत की पहचान है।



गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सदन में कहा, बजट में क्रिकेट का ज़िक्र हुआ, भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में शानदार जीत दर्ज की। इसके लिए भारतीय टीम को बधाई। लेकिन इसी जीत का बजट और ट्वीट में ज़िक्र करने वाले नेता अगर इतना कह देते कि जिस भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरज़मीं पर हराया है, उस टीम के चार बेस्ट परफॉर्मर्स में से एक सिक्ख था, एक मुसलमान था, एक हिन्दू था और चौथा ईसाई था। तब हम जीतकर आए थे। शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जो देश को तोड़ने वाली बात करते हैं, दिलों को तोड़ने की बात करते हैं, उन्हें यह समझना होगा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा।





गोहिल ने इतना कहा ही था कि सदन में बीजेपी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। एक समय में बीसीसीआई अध्यक्ष के पद से सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए गए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी शक्ति सिंह गोहिल के बयान पर तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए। अनुराग ठाकुर समेत बीजेपी के कई नेता कहने लगे कि सब हिन्दुस्तानी हैं, कोई हिन्दू मुसलमान नहीं है। पीठासीन अधिकारी बीजेपी सांसद सस्मित पात्रा ने शोर को शांत कराने की काफी कोशिश की। इस बीच गोहिल कहते रहे कि जब सच कहा जाता है तो मिर्ची लगती ही है। 



दरअसल दिसंबर जनवरी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से पटखनी देते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। भारतीय टीम की इस जीत पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई भाजपा नेताओं ने ट्वीट किए थे। शक्ति सिंह गोहिल भारत की इसी जीत के बहाने सांप्रदायिक सद्भाव की अहमियत पर ज़ोर दे रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उनके भाषण के बीच में हंगामा करके मामले को बेवजह सियासी रंग दे दिया।