नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया है। शुरुआत में कोरोना के नए वेरिएंट Omicron को कम खतरनाक माना जा रहा था। हालांकि, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन में कहा है इसे हल्के में लेना भारी भूल थी। उधर आईआईटी कानपुर के एक प्रोफेसर ने कहा है कि जनवरी अंत तक भारत में 8 लाख केस प्रतिदिन आ सकते हैं।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस महीने के अंत तक इस लहर का पीक होगा। इस पीक के दौरान देशभर में 4 से 8 लाख तक केस हर दिन मिल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से ज्यादा नहीं थमेगा। अग्रवाल के मुताबिक पीक के दौरान मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में 30 से 50 हजार केस प्रतिदिन दर्ज किए जाएंगे।

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उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को Omicron को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि यह वेरिएंट दुनियाभर में लोगों की जान ले रहा है और इसे हल्का समझकर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि रिकॉर्ड संख्या में लोग नए वेरिएंट के शिकार हो रहे हैं और कई देशों में इसकी  रफ्तार डेल्टा वेरिएंट से भी तेज है। पहले के वेरिएंट्स की तरह ही, ओमिक्रॉन लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है और यह लोगों को मार रहा है।

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की दस्तक के बीच देश ने डेढ़ अरब टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडविया ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कहा है कि साझा प्रयासों से कोई भी उपलब्धि हासिल की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक देश में कुल 90 फीसदी वयस्कों को कोरोना टीके की कम से कम पहली डोज दी जा चुकी है।