नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए यह ऐलान किया है कि किसानों को अब पराली जलाने की नौबत नहीं आएगी। दिल्ली के किसानों को अब पराली नहीं जलानी होगी। दिल्ली सरकार इसके लिए पूसा की मदद से एक कैप्सूल तैयार करने जा रही है, जिससे पराली का समाधान निकल जाएगा। 

अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि 'इस साल पूसा इंस्टीट्यूट की मदद से हमें पराली का समाधान मिला है। संस्थान ने एक कैप्सूल तैयार किया है जिसे गुड़ और बेसन में मिलाकर, उसका घोल बनाकर छिड़कने पर पराली का डंठल गल जाता है। जिस वजह से पराली को जलाने की नौबत नहीं आएगी।' 

केजरीवाल ने आगे कहा कि 5 अक्टूबर से इसे तैयार करने की शुरुआत हो जाएगी। जिसे 12 अक्टूबर तक तैयार कर लिया जाएगा। ज्ञात हो कि दिल्ली में लगभग 800 हेक्टेयर पर नॉन बासमती धान की उपज की जाती है। जिसके बाद पराली जलाने से दिल्ली में ठंड के समय कोहरा और प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। केजरीवाल सरकार के मुताबिक कैप्सूल को तैयार करने में 30 लाख से भी कम की लागत आएगी। कैप्सूल के छिड़काव से 15 से 20 दिनों के भीतर डंठल गल जाएगी और खाद में तब्दील हो जाएगी।