नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए भयावह आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए अचानक संघर्षविराम ने देशभर में चिंता और राजनीतिक उबाल ला दिया है। विपक्ष ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। इस क्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग-अलग पत्र लिखकर तुरंत विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
पीएम मोदी को संबोधित पत्र में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लिखा है कि मैं विपक्ष की सर्वसम्मत मांग को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए। यह लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए आवश्यक है कि वे पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिन्दूर और संघर्षविराम पर चर्चा करें, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई थी। यह अवसर होगा कि हम मिलकर आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी एकजुटता दिखा सकें।
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 11 मई को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में याद दिलाया कि विपक्ष पहले ही 28 अप्रैल को विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुका है। उन्होंने लिखा, 'ताजा हालात को देखते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने पुनः पत्र लिखकर सभी विपक्षी दलों की सर्वसम्मत मांग आपके समक्ष रखी है। मैं राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में इस मांग का समर्थन करता हूं।'
दोनों पत्रों में इस बात पर जोर दिया गया है कि संघर्षविराम की घोषणा पहले वॉशिंगटन डीसी यानी डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हुई और बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने इसे औपचारिक रूप दिया। विपक्ष इन घटनाओं को लेकर सरकार की चुप्पी और स्पष्ट नीति की कमी पर सवाल उठा रहा है। विशेष सत्र की मांग को जनता के बीच भी समर्थन मिल रहा है।
बता दें कि पिछले महीने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में 27 बेगुनाह पर्यटक मारे गए थे, जिसे लेकर देशभर में आक्रोश था। इसके जवाब में शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ एक सीमित सैन्य अभियान था, जिसकी आधिकारिक जानकारी भी बहुत सीमित रखी गई। लेकिन 10 मई को अचानक सीजफायर की घोषणा हुई और चौंकाने वाली बात यह रही कि इसकी पहली जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी गई, और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने इसकी पुष्टि की। इस कदम को लेकर देशवासियों में नाराजगी और असंतोष की भावना है।