दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते देश की अदालतों में पिछले 1 साल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई हो रही है। ऐसे में वैक्सिनेशन की धीमी रफ़्तार और कोरोना से जारी संघर्ष के बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए भगवान से प्रार्थना की। उन्होंने कहा ईश्वर से प्रार्थना करेंगे जल्द से जल्द सभी का टीकाकरण हो जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट में पहले की तरह एक बार फिर फिजिकल हियरिंग हो सके। उन्होंने इच्छा जताई कि अदालतों में पहले की तरह मौजूद होकर बहस और सुनवाई की व्यवस्था जल्द-से-जल्द शुरू हो।

उन्होंने कहा, 'ईश्वर से प्रार्थना है कि जल्द-से-जल्द सभी का टीकाकरण हो और उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल हियरिंग शुरू हो।' उन्होंने मंगलवार को यह टिप्पणी जमानत के एक मामले कि सुनवाई के दौरान तब की, जब वरिष्ठ अधिवक्ता महाबीर सिंह ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि अगली बार जब यह मामला आए, तब सुप्रीम कोर्ट में फीजिकल हियरिंग हो। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में मार्च 2020 से ही वर्चुअल सुनवाई हो रही है।

इससे पहले, ग्रामीण और शहरी भारत में 'डिजिटल विभाजन' को उजागर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सरकार से कोविड टीकाकरण के लिए कोविन पर पंजीकरण अनिवार्य बनाए जाने, उसकी टीका खरीद नीति और अलग-अलग दाम को लेकर सवाल पूछते हुए कहा कि 'अभूतपूर्व' संकट से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए नीति निर्माताओं को 'जमीनी हकीकत से वाकिफ होना चाहिए।'

केंद्र से 'जमीनी स्थिति का पता लगाने' और देश भर में कोविड-19 टीकों की एक कीमत पर उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहते हुए न्यायामूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सरकार को परामर्श दिया कि 'महामारी की पल-पल बदलती स्थिति' से निपटने के लिए वह अपनी नीतियों में लचीनापन रखे।

बात दें, जस्टिस चंद्रचूड़ उन जजों में शामिल रहे जिन्होंने कोविड वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर सरकार से सख्त सवाल किए थे। साथ ही इसमें खासी गलतियां भी निकाली थीं। सरकार ने कोर्ट में बताया कि साल 2021 के आखिरी तक पूरे देश को टीका लगाए जाने की उम्मीद है।