अपनी तमाम समस्‍याओं के निराकरण के लिए सरकार और उनकी नीतियों से जूझने वाले किसानों ने लॉकडाउन में अपनी मांगों को उठाने के लिए प्रचलित तरीका खोजा। उन्‍होंने ट्वीट कर सरकार से कर्ज मुक्ति की मांग की। एक घंटे में #किसान_कर्जा_मुक्ति पर इतने ट्वीट हुए कि यह देश में ट्विटर ट्रेंड में टॉप पर पहुंच गया।



Click  कृषि क्षेत्र को 3,000 करोड़ के नुकसान की आशंका



किसानों की मांग को लेकर ट्विटर पर विभिन्‍न यूनियन की अगुवाई में किसानों ने ऑनलाइन आंदोलन किया। किसान कांग्रेस, किसान संघ, आम किसान यूनियन समेत कई और किसान संगठनों इस ट्विटर आंदोलन में भाग लेकर अपनी आवाज बुलंदकी। किसानों का कहना है कि कोरोना महमारी के समय में किसानों को राहत की सबसे ज्‍यादा जरूरत है। बाजार बंद है और फसलों को बेचने की स्थिति नहीं है। लॉकडाउन की घोषणा के समय रबी एवं खरीफ की बुवाई की तैयारी चल रही थी। बेमौसम बारिश के कारण फसलों की कटाई में भी 15 दिनों की देरी हो चुकी है। अब कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों का कर्ज माफ किया जाना चाहिए।



Click  MSP से कम रेट पर खरीदी न कर पाएं व्‍यापारी



भारतीय किसान यूनियन ने 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री पत्र लिख कर 1.5 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की भी मांग की थी। किसानों ने ट्वीट कर सवाल उठाया कि अगर कार्पोरेट सेक्टर का कर्ज माफ किया जा सकता है तो किसानों का क्यों नहीं?



किसानों के इन ऑनलाइन आंदोलन पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया। उन्‍होंने किसानों की समस्‍याओं को उठाने के लिए किसान कांग्रेस की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मामले को इतना बखूबी उठाया गया कि यह टॉप ट्विटर ट्रेंड बन गया।