लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में अंतर-धार्मिक शादी के मामले में युवती ने लव जिहाद के आरोपों से साफ इनकार किया है। फ़िरोज़ाबाद के नगला मुल्ला गांव की निवासी युवती ने कहा है कि न तो उसने धर्म परिवर्तन किया है और न ही उसने किसी लोभ या भय में आकर मुस्लिम युवक से शादी की है। इसके बावजूद आसपास के लोग मुस्लिम युवक के परिवार के पीछे पड़ गए हैं। बुधवार को गांव के कुछ लोगों ने मुस्लिम युवक के परिवार वालों को दौड़ा भी लिया। 

दरअसल फ़िरोज़ाबाद के मुल्ला गांव के रहने वाली 19 साल की एक युवती 22 दिसंबर को 23 साल के मुस्लिम युवक के साथ चली गई थी। 26 दिसंबर को पुलिस ने युवक के खिलाफ अपहरण और नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया। सोमवार को जब पुलिस को पता चला कि युवती कहां है, तो वो उसे पकड़कर ले आई और उसके घर वालों के हवाले कर दिया। 

युवती के साथ शादी करने वाला युवक पुलिस और ग्रामीणों के डर से भागा हुआ है। युवती बार-बार कह रही है कि उसने अपनी मर्ज़ी से शादी की है। युवती का कहना है कि उसने अपनी पसंद के नौजवान के साथ बाकायदा कोर्ट में शादी की है। लेकिन अंतरधार्मिक विवाह से भड़के समाज के लोग उससे शादी करने वाले मुस्लिम युवक के परिवार के पीछे पड़े हुए हैं।  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने भी कहा है कि युवती ने भागने से पहले कोर्ट में शादी की थी। अधिकारी ने कहा है कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। युवती द्वारा सौंपे गए तमाम प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक थाने के एक पुलिस अधिकारी ने यह भी दावा किया कि शादी के दस्तावेजों में युवती का नाम ज़ीनत लिखा है, जबकि वह धर्मांतरण नहीं करने का दावा कर रही है। बहरहाल फ़िरोज़ाबाद के घटनाक्रम से नगला मुल्ला गांव और उसके आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने हिंसा की आशंका को देखते हुए गांव और उसके आसपास पुलिस बल तैनात कर दिया है। 

उत्तर प्रदेश में हाल ही में धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लागू किया गया है। जिसके मुताबिक लोभ, लालच या भय की वजह से या सिर्फ शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध घोषित किया गया है। नए कानून के तहत अपनी मर्ज़ी से धर्म परिवर्तन करना अपराध नहीं है, लेकिन इसके लिए पहले से जिलाधिकारी की अनुमति लेना ज़रूरी है। इसी तरह नए कानून में दो अलग-अलग धर्मों के लोगों की शादी के लिए भी डीएम की पहले से इजाजत लेना ज़रूरी कर दिया गया है।