नई दिल्ली। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सामने आए हालात को लेकर अपना रुख दुनिया के सामने रखने का फैसला किया है। इसके लिए दुनिया के कुछ देशों में भारतीय नेताओं का डेलिगेशन भेजा जाएगा। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के नेता शामिल होंगे। ये लोग भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों उपजे तनाव पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखेंगे।
केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सभी दलों के सांसदों का सात डेलिगेशन बनाया है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को सातों डेलिगेशन को लीड करने वाले सांसदों के नाम जारी किए। इसमें कांग्रेस के एकमात्र सांसद शशि थरूर का नाम शामिल है।
इस बीच ऑल पार्टी डेलिगेशन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तनातनी की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, कांग्रेस ने केंद्र सरकार को ऑल पार्टी डेलिगेशन के तहत जो चार नाम दिए थे, उनमें से केंद्र की लिस्ट में एक भी शामिल नहीं है। केंद्र की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि उसने थरूर का नाम नहीं दिया था।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, 'शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने 4 नाम- आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार, दिए थे।'
दूसरी तरफ, शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया। उन्होंने X पर लिखा, 'मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।'
संसदीय कार्य मंत्रालय ने जिन 7 टीम लीडर्स के नाम जारी किए हैं, उनमें कांग्रेस के शशि थरूर के अलावा भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, DMK के कनिमोझी करुणानिधि, NCP (SP) की सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल हैं।