कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। केंद्र सरकार को राज्य की हालत पर रिपोर्ट भेजने के बाद धनखड़ ने जिस अंदाज़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, वैसी पहले शायद ही किसी राज्यपाल ने की होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनखड़ ने ममता बनर्जी की सरकार पर ज़ोरदार हमला किया। ममता बनर्जी पर ऐसा हमला तो बीजेपी के किसी दिग्गज नेता ने भी शायद ही किया होगा। 

राज्यपाल धनखड़ ने धमकी भरे अंदाज़ में कहा, 'भारत के संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। पश्चिम बंगाल के लोगों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। ममता बनर्जी को संविधान का पालन करना ही होगा। अगर वे ऐसा नहीं करेंगी तो मेरा दायित्व शुरू हो जाएगा। उनके इस बयान को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की खुली धमकी के तौर पर देखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: क्या पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन, बीजेपी की मांग पर अमित शाह ने राज्यपाल से मांगी रिपोर्ट

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार को राज्य के बेहद परेशान करने वाले घटनाक्रमों के बारे में एक रिपोर्ट भेजी है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव के बाद केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने उनसे रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने खट्टर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मानवाधिकार दिवस के दिन ही मानवाधिकार पर हमला हुआ है। यह हमला लोकतंत्र पर धब्बा है और बेहद शर्मनाक है। बंगाल में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं। बंगाल में पुलिस प्रशासन फेल हो गया है।

बीजेपी अध्यक्ष पर हुए हमले के बाद गुस्से से उबल रहे राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि कल की घटना के लिए ममता बनर्जी को माफी मांगनी चाहिए। भाजपा अध्यक्ष पर मुख्यमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। बाहरवाला, अंदरवाला कहना एक खतरनाक खेल है। बाहरी कहना संविधान का अपमान है। उन्हें अपना बयान वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए। ममता बदले की भावना से काम कर रही हैं। संविधान की आत्मा पर कितना हमला होगा। ममता से विनती है वो संविधान का पालन करें। ममता भटकेंगी तो मेरे दायित्व की शुरुआत होगी। ममता संविधान के हिसाब से काम करें। मुझे विश्वास है कि ममता मेरी बात पर ध्यान देंगी। कल हमले को लेकर डीजीपी को जानकारी दी।  मैं बंगाल में शांति चाहता हूं। '

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि  कल हुई घटनाएं बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। वे हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने पर एक धब्बा हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल क्या करते हैं, उससे मुझे मतलब नहीं है। लेकिन बतौर गर्वनर मेरी कुछ जिम्मेदारी हैं। संविधान की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है, कानून व्यवस्था का पालन करना, मानवाधिकार की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।