क्या पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन, बीजेपी की मांग पर अमित शाह ने राज्यपाल से मांगी रिपोर्ट

बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष नड्डा के क़ाफ़िले पर पथराव के बाद की फौरन राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यपाल धनखड़ से राज्य की क़ानून-व्यवस्था पर मांगी रिपोर्ट

Updated: Dec 11, 2020, 02:51 AM IST

Photo Courtesy: Telegraph India
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दिल्ली। क्या पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार गिराने की तैयारी हो रही है? क्या मोदी सरकार तृणमूल कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है? ये सवाल इसलिए क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर पथराव की घटना के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी ने बड़े ज़ोर-शोर से राज्य में ममता सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

खास बात ये कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंत्रालय ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट भी तलब की है। इतना ही नहीं, केंद्र ने राज्यपाल के साथ ही साथ प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव से भी रिपोर्ट देने को कहा है। ये बात तो सभी जानते हैं कि राज्यपाल धनखड़ निजी तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कितने ख़फा रहते हैं। दोनों की अनबन कोई छिपी हुई बात नहीं है। ऐसे में धनखड़ ने अगर कानून व्यवस्था की हालत के बारे में निगेटिव रिपोर्ट दे दी तो अमित शाह क्या करेंगे?

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अमित शाह अपने पार्टी अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर हुए पथराव की घटना को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं, इसका अंदाज़ा उनके ट्वीट से भी लगाया जा सकता है। शाह ने ट्विटर पर लिखा है, "आज बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है। केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा। तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है। टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुँचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।"

अमित शाह के शब्दों से साफ जाहिर है कि ममता बनर्जी की सरकार के बारे में उनकी क्या राय है। तो क्या धनखड़ की निगेटिव रिपोर्ट आने पर अमित शाह ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने की तरफ आगे कदम बढ़ा देंगे? ट्विटर पर उनकी प्रतिक्रिया देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के बड़े नेता भी ममता बनर्जी की सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगवाने और इस तरह विधानसभा चुनाव से पहले ही अपना राज कायम करने के लिए उतावले हो रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि आज की स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष भी ममता सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं। गुरुवार को नड्डा के काफिले पर पत्थर फेंके जाने के बाद उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय राजनीति के इतिहास में एक काला दिन है। पश्चिम बंगाल में मीडिया भी सुरक्षित नहीं है। नवंबर में दिलीप घोष के काफिले पर पथराव की वारदात हुई थी और तब भी राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी।

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ऐसे में सवाल ये है कि क्या इस बार वाकई ममता बनर्जी की सरकार जाने वाली है? बीजेपी नेताओं के तीखे तेवर देखकर ऐसा भले ही लग रहा हो, लेकिन अमित शाह वाकई ऐसा करेंगे यह कहना आसान नहीं है। पिछले महीने एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के बाद जब ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठ रही थी, तो दिलीप घोष ने ही कहा था कि ममता बनर्जी खुद चाहती हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाए ताकि उनको चुनाव में सहानुभूति लेने का मौका मिल जाए।

अब ममता बनर्जी खुद चुनाव से पहले अपनी सरकार गिरवाना चाहेंगी, यह सोचना तो बहुत दूर की कौड़ी है। लेकिन दिलीप घोष के उस बयान से बीजेपी का यह डर ज़रूर उजागर होता है कि अगर ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त किया गया, तो इससे चुनाव में उन्हें एक बहुत बड़ा मुद्दा मिल जाएगा। ऐसा मुद्दा जो दस साल की एंटी-इनकंबेंसी पर भारी पड़ सकता है। यही वजह है कि बीजेपी और केंद्र सरकार नड्डा के काफिले पर पथराव की घटना को लेकर शोर चाहे जितना मचाए, उसका मुख्य मकसद ममता सरकार को नाकाम साबित करके उसका चुनावी फायदा उठाने का ही हो सकता है। राज्य सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला करना इतना आसान नहीं होगा। हालांकि राजनीति पर नज़र रखने वाले कुछ लोग यहां कह सकते हैं कि मोदी है तो कुछ भी मुमकिन है!