नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच सोमवार (14 सितंबर) को संसद के मानसून सत्र के शुरुआत के साथ राज्यसभा के उपसभापति की चुनाव हुई। इस दौरान जेडीयू नेता हरिवंश नारायण सिंह ने एनडीए प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की है। यह दूसरी बार है जब जेडीयू नेता को राज्यसभा का उपसभापति चुना गया है। बीजू जनता दल के समर्थन के कारण एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश यह चुनाव जीत पाए हैं। बीजू जनता दल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के फोन के बाद हरिवंश का समर्थन कर दिया। 

इस बार का राज्यसभा के लिए उपसभापति का चुनाव बेहद दिलचस्प था। एक तरफ एनडीए ने बिहार से सांसद जेडीयू के हरिवंश को अपना उम्मीदवार बनाया था वहीं विपक्षी दलों ने बिहार से ही सांसद आरजेडी नेता मनोज झा को अपना प्रत्याशी चुना था। राज्यसभा में सत्र के दौरान चैयरमैन वैंकेया नायडू ने ध्वनिमत से मतदान के बाद हरिवंश को उपसभापति घोषित किया। उपसभापति चुने जाने के बाद पीएम मोदी व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हें बधाई दी है।

बीजेडी ने भी किया समर्थन

चुनाव के दौरान एक खास बात यह देखने को मिली कि बीजू जनता दल ने भी एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश का सदन में समर्थन किया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेडी के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि क्षेत्रीय दल का असली चेहरा सामने आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक को कॉल कर उनसे हरिवंश को समर्थन देने का अनुरोध किया था। इसके बाद बीजेडी ने एनडीए उम्मीदवार को ही समर्थन करने का फैसला लिया।

कौन हैं हरिवंश?

64 वर्षीय हरिवंश का जन्म उत्तरप्रदेश के बलिया में हुआ हुआ था। उन्होंने बीएचयू से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने कई वर्षों तक देश के विभिन नामचीन मीडिया संस्थानों में काम किया। इसी दौरान वह बिहार से जुड़े गंभीर विषयों को प्रमुखता से उठाई और नीतीश कुमार के करीब आए। साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकित किया और वह संसद भवन में पहुंचे।