इंसानियत को शर्मसार करने वाले हाथरस कांड की जांच के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन कर दिया है। इस एसआईटी में गृह सचिव भगवान स्वरूप, यूपी पुलिस के डीआईजी चंद्रप्रकाश और आगरा पीएसी की कमांडेंट पूनम सदस्य के रूप में शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे हाथरस की घटना को लेकर बात की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसआईटी की टीम सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उसके बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाई जाएगी। 

लेकिन दूसरी तरफ एसआईटी और फास्ट ट्रैक कोर्ट की जांच के एलान से ठीक पहले वाली रात के घटनाक्रम को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। वजह ये कि पुलिस पर रातों-रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ पीड़िता के शव का  दाह संस्कार करने के आरोप लगे हैं। ध्यान रहे कि पुलिस यह दावा पहले ही कर चुकी है कि पीड़िता के साथ न तो बलात्कार हुआ था और न ही उसकी जीभ काटी थी। पुलिस के ये दावे पीड़िता के परिजनों के मीडिया में आ चुके बयानों से बिलकुल अलग हैं।

ऐसे में एसआईटी के जांच अफसर अगर चाहें भी तो क्या इस बात की पड़ताल कर पाएंगे कि पीड़िता से बलात्कार और उसकी जीभ काटे जाने के आरोपों और उनके खंडन का सच क्या है? यह सवाल इसलिए क्योंकि पीड़िता का दाह संस्कार होने के बाद एसआईटी के अफसर या पीड़िता के परिजन चाहकर भी दोबारा पोस्टमार्टम नहीं करा सकते। ऐसे में एसआईटी की टीम के हाथ कुछ हद तक बंधे हुए होंगे।

पुलिस के पिछली रात के बर्ताव पर शक की उंगलियां इसलिए भी उठ रही हैं क्योंकि पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उनके लाख कहने पर भी पुलिस ने उन्हें पीड़िता का शव घर नहीं लाने दिया और जबरन रातों-रात दाह संस्कार कर दिया। जबकि उस वक्त तक पीड़िता के पिता और भाई भी दिल्ली से गांव नहीं पहुंचे थे। इन हालात में पुलिस की मंशा पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पीड़िता का दाह संस्कार कराने की इतनी हड़बड़ी उन्हें क्यों थी? हालांकि पुलिस कह रही है कि उसने पीडिता के परिवार वालों से ही पीड़िता का दाह संस्कार कराया, लेकिन अब तक इस बारे में मीडिया में सामने आ चुके वीडियो कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं।

पीड़िता को सबसे पहते 15 दिन पहले एक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से यही बात सामने आती रही कि पीड़िता की जीभ कटी हुई थी और उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी गई थी। उसे और भी गंभीर चोटें आई थीं। बाद में उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। हालत खराब होने पर पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां उसने आखिरकार दम तोड़ दिया। 

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परिजनों का आरोप है कि 14 सितंबर को चार आरोपियों ने पीड़िता को खेत में घसीटकर बलात्कार किया और उसे शारीरिक यातनाएं दीं। इस सिलसिले में गांव के ही ऊंची जाति के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि 23 सितंबर को जब पीड़िता को कुछ होश आया था, तब उसने इशारों से और लिखकर तीन आरोपियों संदीप, संदीप के चाचा रवि और उसके दोस्त लवकुश का नाम लिया था। इस बीच दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल और विजय चौक पर भीम आर्मी और कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन जारी है।