दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना ने भारी तबाही मचा रखी है। पहली और दूसरी लहर में लाखों लोगों की जान चली गई है। कोरोना को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट्स ने यह स्टडी की है। इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड 19 की दूसरी लहर में पहली लहर से ज्यादा युवाओं  को कोरोना संक्रमण से गुजरना पड़ा है।

दोनों ही लहरों में 70 फीसदी कोरोना संक्रमितों की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा थी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अंतर पता करने के लिए यह अध्ययन किया गया है। इसमें उपयोग किए गए आंकड़े देशभर के 41 अस्पतालों से लिए गए हैं। पहली लहर के आंकड़े 1 सितंबर से 31 जनवरी 2020 तक और दूसरी लहर का आंकड़े 1 फरवरी से 11 मई 2021 के बीच लिए गए हैं।

 

इस स्टड़ी में सबसे खास बात यह सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर में 20 साल से कम उम्र के लोगों को छोड़कर लगभग हर उम्र के मरीजों की मौतों का ग्राफ बढ़ा है। वहीं सबसे ज्यादा 20-39 साल की उम्र के लोगों को भर्ती करने की नौबत आई है। 20 साल के कम उम्र के उन मरीजों को जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रस्त थे उन्हें ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर लहर में कोरोना पाजिटिव मरीजों का सामान्य लक्षण बुखार था।

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पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर में मरीजों को सांस लेने में ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ा, यही वजह थी देशभर में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की ज्यादा आवश्यकता पड़ी।