नई दिल्ली। बातचीत के कई दौर के बाद भी चीनी सेना उत्तरी पैंगो सो, देपसांग और गोगरा से हटने को तैयार नहीं हैं। चीनी सेना ने देपसांग के वाई जंक्शन में भारतीय सैनिकों की पहुंच को ब्लॉक कर दिया है।  चीनी सैनिकों की आक्रामकता के कारण भारतीय सैनिक इन बिंदुओं पर मई से गश्त नहीं लगा पाए हैं। ऐसे में सीमा रेखा पर जारी तनाव को खत्म करने के लिए अब भारत और चीन की सेना के बीच मेजर जनरल स्तर की बैठक होगी।

इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। अखबार ने बताया है कि यह बैठक अगले कुछ दिनों में होगी और भारतीय प्रतिनिधि दल का नेतृत्व मेजर जनरल अभिजीत बापत करेंगे। यह बैठक मुख्य तौर पर देपसांग इलाके में तनाव खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।  इससे पहले दोनों सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत के पांच चरण चले, जिसमें गलवान घाटी से तो भारत-चीन के सैनिक पीछे हट गए लेकिन उत्तरी पैंगो सो, देपसांग और गोगरा से चीनी सैनिक हटने को तैयार नहीं हैं। मेजर जनरल स्तर की यह वार्ता रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौलत बाग ओल्डी में होगी।

बताया जा रहा है कि देपसांग इलाके में चीन के 15 हजार से अधिक सैनिक मौजूद हैं। भारत ने भी अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है। रणनीतिक रूप से देपसांग बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह उत्तरी लद्दाख में मौजूद है। यहां से डीबीओ एयरस्ट्रिप, कराकोरम और दर्बुक रोड की आसान एक्सेस मिलती है। साथ ही साथ यह इलाका चीन के शिनिजियांग को तिब्बत से जोड़ता है।

अखबार ने यह भी बताया है कि इस बैठक में भारत पेट्रोलिंग प्वाइंट 10, 11, 11ए, 12 और 13 में गश्त लगाने के अपने अधिकार की बहाली की भी बात करेगा। चीनी सैनकों की आक्रामकता के कारण भारतीय सैनिक इन बिंदुओं पर मई से गश्त नहीं लगा पाए हैं। चीनी सेना ने देपसांग के वाई जंक्शन में भारतीय सैनिकों की पहुंच को ब्लॉक कर दिया है।