नई दिल्ली। 1 सितंबर से आयोजित होने वाले जेईई नीट परीक्षाओं को स्थगित करने के इरादे से देश भर के कुल 6 राज्यों के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि कोरोना द्वारा जनित विषम परिस्थितियों के कारण वे अपने राज्य में जेईई और नीट की परीक्षाओं को आयोजित कराने में सक्षम नहीं है। कोर्ट का रुख करने वाले सभी राज्यों में गैर बीजेपी शासित सरकारें हैं।

पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र और झारखंड की सरकारों ने कोरोना और परीक्षा आयोजित कराने में अक्षमता का हवाला देते हुए जेईई और नीट की परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि जेईई व नीट की परीक्षाओं में भारी संख्या में छात्रों को शामिल होने है। ऐसे में उनके राज्यों में कोरोना के फैलने और उसके अनियंत्रित होने की पूरी संभावना है। लिहाज़ा राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट से अपने 17 अगस्त को दिए उस फैसले पर एक बार फिर विचार करने की मांग की है, जिसमें शीर्ष अदालत ने जेईई और नीट की परीक्षाओं के आयोजन को स्थगित करने पर रोक लगा दी थी। 

Click: Supreme Court: नीट और जेईई की परीक्षा तय समय पर होगी

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त के अपने फैसले में कहा था कि देश में हर चीज़ को रोका नहीं जा सकता। परीक्षाओं का आयोजन न होने छात्रों का एक साल बर्बाद हो जाएगा। हालांकि देश भर में खुद ज़्यादातर छात्र परीक्षा को स्थगित करने के ही पक्ष में हैं। तमाम ऑनलाइन सर्वे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि ज्यादातर छात्र चाहते हैं कि परीक्षाओं को टाल दिया जाए। छात्रों के बीच तनाव इतना उत्पन्न हो गया है कि देश भर में जगह जगह पर छात्रों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें आ रही हैं। 

ClickJEE Main Exams: जेईई परीक्षा करवाने में आएगा 13 करोड़ का खर्च

पटनायक ने तोड़ी चुप्पी
उधर जेईई नीट की परीक्षाओं के आयोजन या स्थगन को लेकर चुप्पी साधे एक और गैर बीजेपी शासित राज्य ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आखिरकार प्रधानमंत्री से फोन पर बात की है। पटनायक ने कहा है कि जेईई नीट की परीक्षाओं के आयोजन से कोरोना के फैलने का खतरा अधिक है।