बिहार में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले सभी दलों ने प्रचार तेज कर दिया है। बिहार में इस बार चुनाव प्रचार दोगुनी गति हो रहा है। जेएनयू के छात्र भी गांव गांव जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जेएनयू छात्रों की बड़ी फौज बिहार चुनाव में दमखम दिखा रही है। अपने छात्र संघ चुनाव प्रचार के लिए मशहूर जेएनयू के छात्र इस वक्त बिहार में मौजूद हैं। जो कोरोना काल में जेएनयू स्टाइल में बिहार की जनता को मतदान के लिए जागरूक करने का काम कर रहे हैं। यह काफी फायदेमंद भी साबित हो रहा है।

कोरोना काल में बड़ी चुनावी रैलियों को अनुमति नहीं है। जिस वजह से सभी दलों को चुनाव प्रचार का तरीका बदलना पड़ा। हर व्यक्ति तक बात पहुंचे इसके लिए जेएनयू में होने वाले नो मनी कैंप के तहत डोर टू डोर मतदाताओं से बातचीत और नुक्कड़ सभाएं की जा रही हैं। ऑल इंडिया स्‍टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बाला ने बिहार में सीपीआईएमएल (CPIML) के साथ ही महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है।

बाला कहना है कि इस बार जेएनयू के छात्र आईसा के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं। क्योंकि इस बार लेफ्ट पार्टियां कांग्रेस और आजेडी के साथ महागठबंधन में हैं। इसलिए जेएनयू के छात्र महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बिहार में बहुत से ऐसे छात्र हैं जो लॉकडाउन के बाद जेएनयू नहीं लौटे और किसी ना किसी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार में लगे हैं। इसी के साथ ऐसे भी छात्र हैं जो पंजाब, हरियाणा, उडीसा जैसे राज्यों से प्रचार के लिए बिहार आए हैं। छात्र रोजाना सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक चुनाव प्रचार अभियान के लिए सडकों पर उतरते हैं।