शुक्रवार को कोरल कालीकट में विमान हादसे में 20 लोगों की मौत की सूचना है। विमान में क्रू सहित 190 लोग सवार थे। दुर्घटना में मृतकों की संख्या बहुत ज़्यादा हो सकती थी यदि विमान के कप्तान विंग कमांडर दीपक वसंत साठे सूझबूझ से काम नहीं लेते। 59 साल के दीपक साठे जिनकी विमान दुर्घटना में मौत हो गई मगर उनकी हर तरफ़ प्रशंसा हो रही है कि उन्होंने प्लेन पर इस तरह कमांड किया कि प्लेन के दो टुकड़े हो गए मगर उसमें आग नहीं लगी। आग लगती तो कितने अधिक यात्रियों की मौत होती अंदाज़ा लगाया जा सकता है। 



पूर्व मंत्री वसंत साठे के बेटे विंग कमांडर दीपक साठे भारतीय वायु सेना के बड़े फाइटर थे जिन्होंने अपने 22 साल के करियर के दौरान सोवियत मूल के मिग-21 लड़ाकू विमानों को उड़ाना भी सीखा था। जून 1981 में हैदराबाद के पास डुंडीगल में वायु सेना अकादमी से ग्रेजुएट होने पर विंग कमांडर दीपक साठे को 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' सम्मान मिला था। वे भारतीय वायु सेना के फाइटर, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र और निपुण पायलट थे।



एयर फोर्स के टेस्ट पायलट बहुत सारे एयरक्राफ्ट पर टेस्ट करते हैं। सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के डायरेक्टर एयर वायस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्वीट कर कहा है कि दीपक साठे साथे उनके साथ टेस्ट पायलट रहे। वे बहुत अनुभवी पायलट थे।मनमोहन बहादुर ने बताया कि टेस्ट पायलट के कॉल साइन के तहत नाम के आगे ‘टेस्टर’ लगाया जाता है।  उन्होंने विंग कमांडर दीपक साठे को विदाई देते हुए कहा, “RIP Tester.”





प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले प्रयास में एयर इंडिया का विमान IX-1344 लैंड नहीं हो पाया था। इसके बाद पायलट ने दूसरी लैंडिंग की। लेकिन दूसरी लैंडिंग में एयर पोर्ट के रनवे पर फिसल गया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रनवे पर विजिबिलिटी कम थी। रनवे पर पानी भरा हुआ था। फिसलने के बाद विमान 35 फीट की खाई में जा गिरा। हादसे में विमान के दो टुकड़े हो गए।