राजगढ़। जहां एक और श्रमिक अपने घर जाने की जद्दोजहद में अपनी जान गंवा रहे हैं वहीं एमपी में प्रशासनिक लापरवाही गरीब मजदूरों की जान ले रही है। प्रशासन ने राजगढ़ में गिलाखेड़ी उपार्जन केंद्र वर्षों पुरानी एक फैक्ट्री में बनाया। अधिकारियों ने यह ध्‍यान भी नहीं दिया कि फैक्ट्री करीब बीस साल से बंद पड़ी है। इसकी दीवारें काफी जर्जर हैं। नतीजा यह हुआ अचानक आई आंधी से केंद्र की जर्जर दीवार गिर गई और उसकी चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई।

बताया गया कि शनिवार को मजदूर यहां रखे गेहूं को एक ट्रक में लोड कर रहे थे। उसी वक्त तेज हवा के साथ आंधी की वजह से एक जर्जर दीवार भरभराकर गिर गई। दीवार गिरने से उपार्जन केंद्र पर लोडिंग-अनलोडिंग कर रहे मजदूर इसकी चपेट में आ गए। अन्य मजदूरों की सहायता से दीवार के मलबे के नीचे मजदूरों रामबाबू, कामिल खान, छोटू लाल, राजा खान को निकाला गया। इनको तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार केबाद इनकी गंभीर हालत को देखते हुए भोपाल रेफर कर दिया है। भोपाल ले जाते समय छोटूलाल की श्यामपुर के पास ही जान चली गई। जबकि घायल मजदूर रामबाबू ने भोपाल पहुंचकर दम तोड़ दिया। एसडीएम नरसिंहगढ़ सिद्धार्थ जैन ने दुर्घटना की पुष्टि करते हुए दो मजदूरों की मौत होना बताया है।