नई दिल्ली/भोपाल। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुक्रवार को एक बड़ी आतंक विरोधी कार्रवाई को अंजाम देते हुए आईएसआईएस से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही संदिग्धों का नाम अदनान बताया जा रहा है। इनमें से एक को दिल्ली के सादिक नगर से जबकि दूसरे को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से पकड़ा गया है। शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि दोनों फिदायीन हमले की ट्रेनिंग ले रहे थे और आईएसआईएस के कट्टरपंथी नेटवर्क से ऑनलाइन संपर्क में थे।

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स्पेशल सेल ने दिल्ली में ऑपरेशन चलाते हुए पहले संदिग्ध अदनान को सादिक नगर इलाके से धर दबोचा। इसके बाद एमपी एटीएसकी मदद से भोपाल में दूसरे अदनान को गिरफ्तार किया गया। दोनों की गिरफ्तारी एक साथ की गई कार्रवाई में हुई  जिससे सुरक्षा एजेंसियों ने संभावित आतंकी हमले की बड़ी साजिश को विफल कर दिया।

दिल्ली और भोपाल से गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों का नाम एक ही है। जानकारी के मुताबिक, दोनों का नाम अदनान है। दोनों फिदायीन हमले की ट्रेनिंग ले रहे थे और दोनों की गतिविधियों में समानता मिलने से एजेंसियां इस बात की जांच में जुटी हैं कि क्या यह कोई समन्वित नेटवर्क या स्लीपर सेल का हिस्सा है।

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जांच में सामने आया है कि भोपाल का अदनान जो करीब 20 साल का है, करोंद इलाके का रहने वाला है। वह स्नातक की पढ़ाई कर रहा था और चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा की तैयारी में जुटा था। अदनान के पिता एक अकाउंटेंट हैं जबकि मां नौकरीपेशा हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह युवक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए कट्टरपंथी समूहों से जुड़ा था और ऑनलाइन रैडिकलाइजेशन के जरिए आईएसआईएस से प्रभावित हुआ था।

इसके अलावा, अदनान पहले लखनऊ के एक व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य भी रह चुका था जो कट्टर विचारधारा फैलाने के लिए सक्रिय था। माना जा रहा है कि इसी ग्रुप के जरिए उसका संपर्क आईएसआईएस से जुड़े तत्वों से हुआ।

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दिल्ली पुलिस का कहना है कि भोपाल से गिरफ्तार किया गया अदनान एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके परिवार को इस गतिविधि की भनक तक नहीं थी। पुलिस का अनुमान है कि उसे ऑनलाइन प्रोपेगेंडा और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले चैनलों के जरिए धीरे-धीरे ब्रेनवॉश किया गया। फिलहाल दोनों संदिग्धों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है। टीम यह पता लगाने की कोशिश में है कि उनका मकसद क्या था, वे किसके संपर्क में थे और क्या किसी आगामी आतंकी हमले की योजना पहले से तय थी।

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दोनों संदिग्धों के डिजिटल डिवाइसेज, चैट रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे देश में आईएसआईएस के संभावित नेटवर्क और उसके डिजिटल प्रचार तंत्र की नई परतें खुल सकती हैं। दिल्ली और भोपाल से हुई इन गिरफ्तारियों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी और इंटेलिजेंस ब्यूरो भी अलर्ट मोड पर हैं। यह माना जा रहा है कि यह कार्रवाई देश के अंदर सक्रिय किसी ऑनलाइन मॉड्यूल या स्लीपर सेल नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।