नई दिल्ली। मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों पर नए कानून के प्रावधान के खिलाफ देशभर में ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं। इस वजह से देश भर में आवाजाही से लेकर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई है। ड्राइवरों के हड़ताल से मोदी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है। केंद्र सरकार ने कहा कि ड्राइवर काम पर वापस लौटें, हम कानून लागू करने से पहले ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से चर्चा करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, 'सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। हम यह भी बताना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस तथा सभी वाहन चालकों से अपील करते हैं कि आप अपने-अपने कामों पर वापस लौट जाएं।' 

दरअसल, ड्राइवर्स की हड़ताल को देखते हुए मंगलवार को सरकार ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बात की। सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि यह हड़ताल अगर जारी रहता है या अखिल भारतीय आंदोलन शुरू होता है तो ऐसे में सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। हालांकि, गृह सचिव के साथ चर्चा के बाद ट्रक ड्राइवरों का मुद्दा सुलझता हुआ दिख रहा है। केंद्र सरकार के बैकफुट पर आने के बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने की बात की है। 

बता दें कि ड्राइवर्स के हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, समेत 10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप खाली होने की खबरें सामने आई थी। कई राज्यों में सप्लाई चेन बाधित होने के कारण फल और सब्जियों के दाम बढ़ गए। छत्तीसगढ़ में पुलिस की कस्टडी में पेट्रोल पंप का संचालन किया गया। चंडीगढ़ में भी इसी तरह के हालात देखने को मिला। मध्य प्रदेश में तो प्रदर्शनकारी एवं पुलिस के बीच झड़प की घटना भी हुई। बहरहाल, अब देखना होगा कि सरकार इन कानूनों में क्या बदलाव करती है।