नई दिल्ली। भले ही कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम पड़ गई हो, लेकिन ब्लैक फंगस नामक जानलेवा बीमारी अब अपनी रफ्तार पकड़ रही है। ब्लैक फंगस ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। देश भर में अब तक 28 हज़ार से ज़्यादा लोग इस जानलेवा संक्रमण की चपेट में आ चुके है। महाराष्ट्र और गुजरात इसके संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य हैं। 

देश भर में इस समय ब्लैक फंगस के 28 हज़ार 252 सक्रिय मामले हैं। इन मामलों में 86 फीसदी से अधिक मरीज़ कोविड के हैं। जबकि 62 फीसदी मरीज़ मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हैं। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के सबसे ज़्यादा 6,339 मामले सक्रिय हैं। जबकि गुजरात में 5,486 मरीज़ ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं। 

यह जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को दी। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत सरकार कोरोना संक्रमण के उन अलग अलग स्वरूपों पर गौर कर रही है, जो कि रोग संचरण को प्रभावित करती हैं। हर्षवर्धन जब यह बोल रहे थे, उस दौरान वे कोविड से जुड़े मंत्रियों के उच्चस्तरीय समूह की अध्यक्षता कर रहे थे। 

हर्षवर्धन के अलावा नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य वीके पॉल ने कहा कि इस समय भारत में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने के प्रयास जारी हैं। डॉक्टर पॉल ने बताया कि भारत में 141 दिन में 23 करोड़ खुराक लगा दिए गए। भारत से तेज़ गति से एकमात्र अमेरिका ने यह लक्ष्य 134 दिनों में हासिल कर लिया। पॉल ने कहा कि विश्व भर में 88.7 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें कम से कम एक टीके की एक खुराक दी गई है। भारत में ऐसे लोगों की सांख्य 17.9 करोड़ है। जो कि दुनिया भर की संख्या की तुलना में 20 फीसदी है।