नई दिल्ली। लोकसभा में पारित विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों ने हंगामा मचा रखा है। मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि किसानों के दबाव में केंद्रीय मंत्री व अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफा देना पड़ा है वहीं हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी लगातार इस्तीफे की मांग हो रही है। इसी बीच क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने किसानों के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सिद्धू ने कहा है कि हमें अपने अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं।



अपने बड़बोलेपन के लिए टीवी की दुनिया से घर-घर में अपनी अलग पहचान बना चुके सिद्धू पिछले एक साल से ट्वीटर पर चुप्पी साधे हुए थे। उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद कोई भी ट्वीट नहीं किया। लेकिन शुक्रवार को किसानों के मुद्दे पर वह भी केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूती से मैदान में आ गए हैं और जंग का एलान कर दिया। सिद्धू ने अपने चित परिचित अंदाज में केंद्र सरकार पर शायराना तंज भी कसा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही।'





सिद्धू ने पंजाबी भाषा में किए अपने अगले ट्वीट में केंद्र सरकार के इस विधेयक के खिलाफ इंकलाब के स्वर को बुलंद किया है। उन्होंने लिखा, 'किसानी पंजाब दी रूह, सरीर दे घाव भर जांदे हन, पर आत्मा ते वार, साडे अस्तित्व उते हमला बर्दाश्त नहीं, जंग दी तूती बोलदी ऐ - इंकलाब जिंदाबाद, पंजाब, पंजाबियत ते हर पंजाबी किसान दे नाल।'





इस ट्वीट का अर्थ यह है कि, 'किसानी पंजाब की रूह (आत्मा) है। शरीर के घाव भर जाते हैं पर आत्मा के नहीं। हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं। युद्ध का बिगुल बोलता है। इंकलाब जिंदाबाद, पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ हूं।'



Click: Farmers Protest पंजाब में पूर्व सीएम बादल के घर के बाहर किसान ने खाया जहर





सीएम अमरिंदर ने इस्तीफे को बताया नौटंकी



कृषि विधेयक के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौटंकी करार दिया है। हरसिमरत के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने ट्वीट किया, 'यह सब अकाली दल के नाटकों की एक कड़ी है। अकाली दल ने अबतक सत्तारूढ़ एनडीए की सरकार से अपना गठबंधन नहीं तोड़ा है। कौर का इस्तीफा किसानों की चिंता के लिए नहीं है, बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य को बचाने के लिए है। कैबिनेट से इस्तीफा बहुत देर से आया है और इससे किसानों को कुछ लाभ नहीं होगा।'