देशभर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए गए ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा को आंध्र प्रदेश में ढेर कर दिया है। हिड़मा के अलावा 5 अन्य नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। हिडमा की दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई है।
माडवी हिड़मा साल 1996 में नक्सल संगठन से जुड़ा था। तब उसकी उम्र महज 17 साल थी। हिड़मा को हिदमाल्लु और संतोष नाम से भी जाना जाता है। वह अब तक कई निर्दोष ग्रामीण और पुलिस जवानों को मार चुका। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हिड़मा नक्सली संगठनों का टॉप लीडर माना जाता है।
3 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबल पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर-1 के कमांडर माड़वी हिड़मा को पकड़ने निकले थे, लेकिन मौके पर नक्सलियों ने जवानों पर हमला बोल दिया और इस मुठभेड़ में 22 जवानों की मौत हो गई थी।
हिड़मा ने सालों तक बस्तर में सबसे घातक माओवादी ऑपरेशनों की अगुवाई की। हिड़मा साल 2010 दंतेवाड़ा हमला में शामिल था जिसमें 76 CRPF जवानों की मौत हुई। साल 2013 में झीरम घाटी नरसंहार का नेतृत्व भी हिड़मा कर रहा था। इसमें 27 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल थे।
हिड़मा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां बस्तर में माओवादी नेटवर्क पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता मान रही है। इस ऑपरेशन पर आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने कहा, 'अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुई। इस मुठभेड़ में एक शीर्ष माओवादी नेता समेत छह माओवादी मारे गए। इस समय व्यापक तलाशी अभियान जारी है।'