चैन्नई। भारत में कंज्यूमर राइट्स जैसे कानून का उपयोग आमतौर पर कम ही किया जाता है। लेकिन कोई इनका सही उपयोग करे तो कंपनियों की अंधी लूट और खराब सेवाओं को अच्छा सबक सिखाया जा सकता है। बिस्किट बनाने वाली कंपनी से जुड़ा हुआ ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां कस्टमर ने एक बिस्कट कंपनी की चोरी का पर्दाफाश करते हुए उसे 1 लाख रुपए चुकाने पर मजबूर कर दिया।

दरअसल चैन्नई के एक ग्राहक ने 2021 में अवारा कुत्तों को खिलाने के लिए सन फीस्ट मैरी लाइट के कुछ पैकेट खरीदे थे। जिसमें से एक पैकेट में 16 की जगह 15 बिस्किट निकले। जबकि रैपर पर लिखा हुआ था कि इस में पैकेट 16 बिस्किट हैं। ग्राहक इसके बाद कंज्यूमर कोर्ट गया और उसने कंपनी की शिकायत कर दी। 

ग्राहक ने अपनी शिकायत में कहा था कि एक बिस्किट की कीमत 75 पैसे के करीब होती है। एक बिस्किट घटाकर कंपनी ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। और लाखों रुपए कमा रही है। कंज्यूमर कोर्ट मद्रास ने कंपनी से जवाब मांगा तो कंपनी ने कहा कि पैकेट में बिस्किट को वजन के आधार पर बेचा जा रहा है, संख्या के आधार पर नहीं।

इसके बाद ग्राहक ने अपने पैकेट का वजन चेक किया तो उस पैकेट का वजन भी 2 ग्राम कम निकला। इसपर आईटीसी के वकील ने तर्क दिया कि 2011 के कानूनी मेट्रोलॉजी नियम प्री-पैकेज्ड सामान अधिकतम के तहत 4.5 ग्राम की त्रुटि की अनुमति है। इस तर्क पर कोर्ट ने आईटीसी को  याद दिलाया कि यह नियम केवल समय के साथ वजन कम होने वाली वस्तुओं पर लागू होता है। 

अब इस मामले में मद्रास के कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी से ग्राहक को 1 लाख रुपए  हर्जाना देने को कहा है। और इसके साथ ही कोर्ट ने सन फीस्ट मैरी लाइट के पैकेट के 16 बिस्किट वाले बैच पर भी रोक लगा दी है। कंपनी अब ग्राहक को 1 लाख रुपए चुकाएगी। कंपनी को अपने पैकेट में एक बिस्किट कम रखना 1 लाख रुपए का पड़ गया।