नई दिल्ली/देहरादून। अप्रैल और मई महीने में ड्यूटी के दौरान उत्तराखंड में 2 हज़ार से ज़्यादा पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हो गए। संक्रमित हुए पुलिसकर्मियों में से 90 फीसदी से ज़्यादा ऐसे पुलिसकर्मी थे जो वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके थे। वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने ने सबको हैरानी में डाल दिया है।

मंगलवार को जारी हुए आंकड़े के मुताबिक अप्रैल और मई महीने में ड्यूटी के दौरान कुल 2,382 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए। जिसमें 2,204 पुलिसकर्मी अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि पांच पुलिसकर्मी संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा बैठे। मरने वाले पांच पुलिसकर्मियों में से तीन पुलिसकर्मियों का टीकाकरण नहीं हुआ था। 

वैक्सीन लगवाने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के कोरोना से संक्रमित होने के सवाल पर उत्तराखंड के डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर नीलेश आनंद ने कहा कि खुद वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने कहा है कि वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी यह दावा नहीं किया जा सकता कि टीका लगाने वाले व्यक्ति को कोरोना नहीं होगा। कोरोना के कारण मरने वाले पुलिसकर्मियों में ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जिनकी ड्यूटी कुंभ मेले के दौरान लगाई गई थी। लेकिन नीलेश आनंद ने इस दावे से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि धार्मिक आयोजन और पुलिसकर्मियों की मौत के बीच कोई संबंध नहीं है। 

कोरोना की पहली लहर के दौरान उत्तराखंड में कुल 1,982 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए थे। कोरोना के आगमन के बाद से अब तक राज्य में कुल 4,364 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें 13 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड पुलिस अब तक मास्क न पहनने के लिए 1.26 लाख और सामाजिक दूरी का पालन न करने के लिए 2.61 लाख लोगों से दंड वसूल चुकी है। 31 मई तक उत्तराखंड पुलिस 6.13 करोड़ रुपए वसूल चुकी है।