नई दिल्ली। कृषि विधेयकों और आठ विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ संसद में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के बाकी बचे सत्र के लिए राज्यसभा की कार्यवाही के बहिष्कार का एलान तो पहले ही कर दिया था। अब उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही के बायकॉट का फैसला आज शाम लिया।

इससे पहले आज दिन में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सदन की कार्यवाही के बहिष्कार का एलान किया था। इस एलान पर अमल करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, आरजेडी, आम आदमी पार्टी और वाम दलों के सांसद सदन से बाहर आ गए। विपक्षी सांसदों के इस साझा कदम के बाद संसद परिसर में सोमवार से प्रदर्शन कर रहे आठ सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया। विपक्षी सांसदों के कहा कि मसला सिर्फ निलंबन की वापसी का नहीं है। असल मुद्दा किसान विरोधी विधेयकों के विरोध का है।

गुलाम नबी आज़ाद ने सांसदों का निलंबन रद्द करने के साथ ही साथ यह मांग भी उठाई कि सरकार ऐसा कानूनी प्रावधान करे, जिससे निजी क्षेत्र का कोई भी खरीददार किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर न खरीद सके। उन्होंने एमएसपी का निर्धारण स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट में दिए C-2 फॉर्मूले के हिसाब से किए जाने की मांग भी दोहराई। इस बीच, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी सांसदों से सदन का बहिष्कार करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। उन्होंने सभी सांसदों से सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अपील भी की है।

उधर, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सदन में अपने साथ हुए बर्ताव पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा, संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के नाते मैंने सदन में हुई घटनाओं के लिए खेद जाहिर किया, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मुझे यह बर्ताव बेहद अपमानजनक लगा। मेरी पार्टी ने भी पूरे सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

इससे पहले राज्यसभा के आठ निलंबित सांसद रात भर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठे रहे। सुबह उपसभापति हरिवंश प्रसाद सिंह उनके लिए चाय लेकर आए। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक धरने पर बैठे सांसदों ने बताया कि उप-सभापति सुबह-सुबह मीडिया के कैमरों के साथ चाय लेकर पहुंचे। इस पर एक वरिष्ठ सांसद ने उनसे कहा कि उनका चाय लेकर आना तो एक अच्छी पहल है, लेकिन उन्हें बिना कैमरों के आना चाहिए और उनके साथ बैठकर बात करनी चाहिए। एक और वरिष्ठ सांसद ने उप-सभापति से कहा की उनका यह अंदाज़ अच्छा है, लेकिन सदन में उन्होंने जो किया वो अब भी गलत ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर जाने पर हरिवंश प्रसाद सिंह की जमकर तारीफ की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि हरिवंश जी के इस बर्ताव से पता चलता है कि वो एक विनम्र और बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं।