नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देखकर देश बहुत दुखी हुआ है। मोदी ने यह बात आज अपने मन की बात कार्यक्रम में कही। नए साल में यह प्रधानमंत्री का पहला मन की बात कार्यक्रम था। मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी पर काबू पाने की कोशिशों और टीकाकरण कार्यक्रम का भी ज़िक्र किया। इसके अलावा उन्होंने क्रिकेट के खेल की चर्चा भी अपने संबोधन में की। 

मोदी ने अपने मन की बात देश को सुनाते हुए कहा, 'इस महीने, क्रिकेट पिच से बहुत अच्छी खबर मिली। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। देश के खिलाड़ियों का हार्डवर्क और टीमवर्क प्रेरित करने वाला है। इन सबके बीच, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ है। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है। अपने देश को, और तेज गति से, आगे ले जाना है।'

टीकाकरण अभियान से दुनिया के लिए उदाहरण पेश किया

पीएम ने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने दुनिा के सामने एक मिसाल पेश की। उसी तरह अब देश का वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी दुनिया में एक मिसाल बन चुका है। भारत में आज दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है। हमने सिर्फ 15 दिन में अपने 30 लाख से अधिक कोरोना वॉरियर का टीकाकरण कर दिया जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिनों का समय लगा।'

अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा आजादी का 74वां वर्ष

पीएम मोदी ने कहा, 'इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। ऐसे में यह हमारे उन महानायकों से जुड़ी स्थानीय जगहों का पता लगाने का बेहतरीन समय है, जिनकी वजह से हमें आजादी मिली। भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।'

किताबें लिखें देश के युवा - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने इस दौरान युवाओं से स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में किताबें लिखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी देशवासियों से और खासकर के अपने युवा साथियों को आहृान करता हूं कि वो देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सामने आई वीरता की गाथाओं के बारे में लिखें। अब जबकि भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष मनाएगा, तो ऐसा लेखन आज़ादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि होगी।'