ग्वालियर। क्या आपको पता है, इमरती देवी फिलहाल शिवराज सरकार में मंत्री हैं या नहीं? कम से कम मध्य प्रदेश सरकार के लोकनिर्माण विभाग को तो यह बात ठीक से मालूम नहीं है। तभी तो जो विभाग एक दिन इमरती देवी को पूर्व मंत्री मानते हुए बंगला खाली करने का नोटिस भेजता है, वही अगले दिन उन्हें मंत्री मानकर अपना पिछला आदेश रद्द कर देता है। बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव हारने वाली इमरती देवी का शिवराज सरकार में मौजूदा स्टेटस क्या है, इस पर एक महत्वपूर्ण सरकारी विभाग का यह हाल वाकई हैरान करने वाला है।

दरअसल लोकनिर्माण विभाग ने इमरती देवी को शनिवार को एक नोटिस भेजा। मंत्री के तौर पर अलॉट किया गया बंगला खाली करने के लिए भेजे गए इस नोटिस में इमरती देवी को तत्कालीन मंत्री यानी पूर्व मंत्री कहकर संबोधित किया गया था। नोटिस मिलने पर इमरती देवी ने बवाल खड़ा कर दिया। जिसके बाद लोकनिर्माण विभाग ने अपना आदेश निरस्त कर दिया। इतना ही नहीं, इमरती देवी को नोटिस भेजने वाले अफसर का ट्रांसफर करके उन्हें भोपाल कार्यालय भेज दिया।  

दरअसल शनिवार शाम लोकनिर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा ने इमरती देवी को नोटिस भेजा कि उन्हें ग्वालियर के झांसी रोड स्थित बंगला मंत्री होने के नाते अलॉट किया गया था। लेकिन अब वे किसी पद पर नहीं हैं, लिहाज़ा उन्हें बंगला खाली करना पड़ेगा। लोकनिर्माण विभाग द्वारा नोटिस मिलने पर इमरती देवी ने सवाल खड़ा कर दिया कि जब उनका मंत्री पद से इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं हुआ है, तो उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस क्यों भेजा गया है ? 

विभाग द्वारा जारी इस आदेश पर जब हंगामा मचा तो लोकनिर्माण विभाग ने तत्काल प्रभाव से आदेश को पलट दिया। रविवार की सुबह ही लोकनिर्माण विभाग ने इमरती देवी को भेजा पिछला नोटिस निरस्त करते हुए नया आदेश जारी कर दिया। इस नए आदेश में इमरती देवी को पूर्व मंत्री की जगह मंत्री कहकर संबोधित किया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि जानकारी के अभाव में उन्हें नोटिस भेज दिया गया था, जिसे निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही लोकनिर्माण विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने वाले अफसर ओमहरि शर्मा को भोपाल कार्यालय से अटैच कर दिया है।