राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने उनके कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में बीएसपी और बीजेपी विधायक मदन दिलावर की तरफ से डाली गई याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। विधायकों का कहना है क्योंकि यह मामला संविधान के प्रावधानों से जुड़ा है और एक ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, इसलिए सभी याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो। उधर छह अगस्त को बसपा और मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सभी विधायकों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।

राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल बेंच इस मामले में 11 अगस्त को सुनवाई करेगी लेकिन कांग्रेस में शामिल हुए विधायक उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चले गए हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अगर विधानसभा में किसी एक पार्टी के दो तिहाई विधायक दूसरी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो इसे गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता और ना ही उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है।

दूसरी तरफ बीएसपी और बीजेपी का कहना है कि क्योंकि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए उसकी अनुमति के बिना विधायकों का दूसरी पार्टी में शामिल होना गैरकानूनी है। बसपा ने अपनी याचिका में यह मांग भी की है कि जब तक यह मामला कोर्ट में पेंडिंग है, तब तक इन छह विधायकों को विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान किसी भी पार्टी के पक्ष में वोट ना डालने दिया जाए। 

गौरतलब है कि 14 अगस्त को राजस्थान में विधानसभा का सत्र आयोजित होगा। बताया जा रहा है कि सत्र के दौरान कांग्रेस बहुमत परीक्षण प्रस्ताव ला सकती है। ऐसे में इन विधायकों को नोटिस जारी होने से पूरा घटनाक्रम और नाटकीय हो गया है। हालांकि, हाई कोर्ट ने इन विधायकों के खिलाफ किसी भी तरह का कार्रवाई का आदेश नहीं दिया था, जिससे गहलोत कैंप को राहत मिली थी।