नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन परिसर के अमृत उद्यान को आम जनता के लिए फिर से खोल दिया गया है। यह उद्यान 16 अगस्त से 17 सितंबर तक एक महीने की अवधि के लिए खुला रहेगा। अमृत उद्यान 15 एकड़ में फैले हुए इस उद्यान को "राष्ट्रपति भवन की आत्मा" कहा जाता है। इसे पहले मुगल गार्डन के नाम से पहचाना जाता था। लेकिन 2022 में केंद्र सरकार ने इसका नाम अमृत उद्यान कर दिया था।  



पहली बार राष्ट्रपति भवन का यह उद्यान एक साल में दूसरी बार जनता के लिए खोला जा रहा है। इससे पहले 29 जनवरी से 31 मार्च तक यह उद्यान आम लोगों के लिए खोला गया था। तब 10 लाख लोग अमृत उद्यान देखने पहुंचे थे। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ‘‘उद्यान उत्सव-द्वितीय" के तहत उद्यान 16 अगस्त 2023 से 17 सितंबर 2023 तक जनता के लिए खुला रहेगा। उद्यान प्रत्येक सोमवार को बंद रहेगा। पांच सितंबर शिक्षक दिवस को उद्यान विशेष रूप से शिक्षकों के लिए खुला रहेगा।’’



 





 

अमृत उद्यान में घूमने के लिए आम लोगों की एंट्री नार्थ एवेन्यू के राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होगी। जहां सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लोग यहां घूम सकते हैं। हालांकि, प्रवेश 4 बजे शाम तक ही रहेगा। घूमने के लिए टिकट राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट visit.rashtrapatibhavan.gov.in पर जाकर ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रपति भवन में लगी कियॉस्क मशीन से भी डायरेक्ट जाकर टिकट ले सकते हैं। अमृत उद्यान के साथ-साथ पर्यटक अपने स्लॉट ऑनलाइन बुक करके राष्ट्रपति भवन का संग्रहालय भी देख सकते हैं।



 



बता दें कि अमृत उद्यान को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद के कार्यकाल के दौरान और अधिक विकसित किया गया था। इसका नाम पहले मुगल गार्डन था जिसे 2022 में केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अमृत उद्यान कर दिया है। इस उद्यान में कई अलग-अलग गार्डन हैं जिसमें हर्बल-I, हर्बल-II, टैक्टाइल गार्डन, बोनसाई गार्डन और आरोग्य वनम शामिल है। 



गार्डन की एक खासियत यहां लगे गुलाब के फूल भी हैं। गार्डन में गुलाब की 159 वेरायटी मौजूद हैं। इन किस्मों के नाम विश्व की प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर हैं। जैसे मदर टेरेसा, राजाराम मोहन राय, अब्राहम लिंकन, जॉन एफ केनेडी, जवाहर, क्वीन एलिजाबेथ, क्रिश्चियन डियोर आदि। इसके अलावा ट्यूलिप, एशियेटिक लिलि, डेफोडिल जैसे दूसरे कई फूलों के भी पौधे हैं।