भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से कई घोटाले सामने आ चुके हैं। इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है। वहीं अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में घोटाला जांच आयोग के गठन की मांग उठाई है। कमलनाथ ने ये भी कहा है कि ये ध्यान रखा जाए कि घोटाला जांच आयोग के गठन में भी घोटाला न हो जाए।
कमलनात ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, 'मध्य प्रदेश में हर रोज एक नया घोटाला सामने आता है। अब तो इतने घोटाले हो चुके हैं कि प्रदेश में अलग से घोटाला जांच आयोग की स्थापना कर देनी चाहिए। बस इतनी गनीमत जरूर रखी जाए कि इस आयोग के गठन में ही घोटला न हो जाए। यह बात इसलिये कह रहा हूं कि नर्सिंग कॉलेज घोटाले के बाद अब मध्य प्रदेश में भोपाल की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में भी फैकल्टी भर्ती में घोटाला सामने आया है।'
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कमलनाथ ने आगे लिखा, 'यूनिवर्सिटी से संबद्ध विभिन्न एजुकेशन, मैनेजमेंट, लॉ और फिजिकल एजुकेश कॉलेजों में फर्जी नियुक्ति किये जाने के कई मामले सामने आए हैं। एक ही व्यक्ति को कई-कई कॉलेजों में नियुक्त दिखाया जा रहा है। सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि बीजेपी के राज में प्रदेश में एक और घोटाला सामने आया है, सवाल यह भी है कि जिन कॉलेजों ने फर्जी फैकल्टी दिखाई है, असल में वहां पढ़ाई कैसे होती होगी? क्या इस तरह के कॉलेजों से पढ़े छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं की जा रही है?'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'सवाल यह भी उठता है कि कैसे मध्य प्रदेश में चाहे नर्सिंग कॉलेज हों, चाहे पटवारी भर्ती हो, चाहे आरक्षक भर्ती हो हर जगह किसी की जगह कोई दूसरा व्यक्ति या तो परीक्षा दे देता है या फिर नौकरी करने लगता है? ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में घोटाले का एक पूरा तंत्र काम कर रहा है। जो ऊपर से शुरू होकर नीचे तक अपनी जड़ें फैलाए है।'
उन्होंने पूर्व में हुए घोटालों का उल्लेख करते हुए लिखा, 'डंपर घोटाला, व्यापम घोटाला, महाकाल लोक घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला, आरक्षक भर्ती घोटाला, कारम डैम घोटाला, पर्यावरण मंजूरी घोटाला और न जाने कितने घोटालों की माला भाजपा सरकारों ने मध्य प्रदेश को पहना दी है। जाहिर है जब तक भाजपा सरकार सत्ता में रहेगी घोटाले होते रहेंगे, इसलिये एक स्थायी घोटाला जांच आयोग बनाना, समय की मांग है।'