नई दिल्ली/पटना। बिहार में एसआईआर (SIR) के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, SIR को लेकर कई प्रश्न अब भी अनुत्तरित हैं। मसलन जमुई में एक ही घर में 247 मतदाता पाए गए। इसी तरह मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति का नाम तीन-तीन जगह देखा गया। इसे लेकर अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट शेयर करते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया। जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग ने SIR का पूरा खेल ही भाजपा के इशारे पर रचा है। अंतिम एसआईआर में निर्वाचन आयोग के सुधार के दावे भी गलत साबित हो रहे हैं। बिहार के सभी इलाक़ों से ऐसी खबरें आ रही हैं जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरी प्रक्रिया का मक़सद भाजपा व उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है। 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख ने आगे कहा, 'एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में भी तमाम गड़बड़ियों के मामले बताते हैं कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है। भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहा चुनाव आयोग पूरी तरह से निर्लज्जता पर उतर चुका है।' उन्होंने पूछा कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर 3-3 जगह क्यों है? अंतिम वोटर लिस्ट में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं? या वे पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेंगे?

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'चिंताजनक बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है। हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का चुनाव आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए। वर्तमान चुनाव आयोग की लचर कार्यप्रणाली और राजनीतिक झुकाव वाली नीतियों से भारत के लोकतंत्र और हमारी अंतरराष्ट्रीय छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हम एक बार फिर दोहरा रहे हैं कि चुनाव आयोग को जल्दबाज़ी में भाजपा को मदद करने के लिए शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने की बजाय निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए।'