दिल्ली।  सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू का अकाउंट दोबारा वेरिफाई कर दिया है। सरकार की नाराजगी के बाद ट्विटर ने ये कदम उठाया है। सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया था कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति किसी पार्टी का हिस्सा नहीं होते. इसलिए सरकार ट्विटर की इस हरकत को संवैधानिक अनादर की नजर से देखती है।



बता दें, ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू के निजी ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाइड कर उस एकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था। ये खबर आते ही ट्विटर पर 'Vice President of India' ट्रेंड होने लगा। सोशल मीडिया पर काफी लोग ट्विटर के इस कदम का विरोध जताने लगे।



वहीं, बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ ने ट्वीट कर पूछा है, 'ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटाया? यह भारत के संविधान पर हमला है।' ट्विटर के इस कदम पर बीजेपी नेता ने भारत के संविधान पर हमला करार दिया। हालांकि कुछ लोगों का ये भी दावा है कि उनका अकाउंट एक्टिव नहीं था, जिस वजह से अनवेरिफाइड कर दिया गया है।



बता दें, ट्विटर अकाउंट के एक्टिव होने से ये मतलब है कि आप अकाउंट को पिछले छह महीनों से लगातार यूज कर रहे हैं तो मतलब पूरी तरह से एक्टिव हों। एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'भारत के उपराष्ट्रपति ने 23 जुलाई 2020 के बाद कुछ भी ट्वीट नहीं किया है, जिसका अर्थ है कि उनका खाता पिछले 10 महीनों से निष्क्रिय है। ट्विटर नीति के अनुसार ब्लू टिक स्वचालित रूप से निष्क्रिय खातों से हटा दिए जाते हैं। इसलिए उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया है।