लखनऊ। उत्तरप्रदेश में जबरदस्त हिंसा, फायरिंग, अपहरण और महिलाओं के साथ बदसलूकी के बीच गुरुवार देर शाम तक ब्लॉक प्रमुख की 825 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हुई। बीजेपी ने दावा किया है कि इनमें 290 से अधिक सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं। यानी 290 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ किसी ने पर्चा तक नहीं भरा, जो यह दिखाता है कि बीजेपी उम्मीदवारों की जनता में कितनी स्वीकार्यता है। हालांकि, इसके पीछे की असली कहानी उतनी ही घिनौनी, भद्दी और लोकतंत्र को कलंकित करने वाली है।



दरअसल, मामला यह है कि इन जगहों पर अन्य दलों को पर्चा दाखिल करने ही नहीं दिया गया। दर्जनों जिलों से इसके सबूत सामने आएं हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से सत्तारूढ़ दल के लोगों ने सरेआम पुलिस के सामने विपक्ष के उम्मीदवारों को पर्चा तक भरने नहीं दिया। राजधानी लखनऊ से करीब 130 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी जिला है। यहां एक महिला के साथ सरेआम मारपीट की गई। 



सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग सड़क पर एक महिला की साड़ी खोलने का प्रयास रहे हैं। वीडियो में देखा जा रहा है कि महिला की साड़ी खींची जा रही थी जिस क्रम में उनका ब्लाउज फाड़ दिया गया। यह सब इसलिए क्योंकि वह समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार ऋतु सिंह की प्रस्तावक थी। उधर ऋतु सिंह की गाड़ी समझकर सपा एमएलसी शशांक यादव की गाड़ी रोकी गई और ऋतु सिंह सभी को चकमा देकर पर्चा दाखिल करने पहुंच गईं। लेकिन यहां BDO के सामने उनसे पर्चा छीनकर फाड़ दिया गया। 





खीरी में ही कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार राजन यादव के तो अपहरण तक के प्रयास किए गए। उनके कनपट्टी पर बंदूक रख जब किडनैप किया जाने लगा तो वह छीनाझपटी कर वहां से भाग निकले और जाकर कहीं छिप गए। एक वीडियो राजधानी लखनऊ से 65 किलोमीटर दूर स्थित सीतापुर जिले से सामने आया है। वीडियो में ताबड़तोड़ गोलियां चलने की आवाज़ें सुनी जा सकती है। स्थिति यह है कि पुलिस भी जान बचाकर भाग रही है। एक आदमी घायल अवस्था में सड़क पर गिरा हुआ था। उसके कुछ साथियों ने बाद में आकर उसे वहां से उठाया। 



बताया जा रहा है कि सीतापुर के कसमंडा में ब्लॉक प्रमुख पद की उम्मीदवार मुन्नी देवी जब पर्चा दाखिल करने जा रही थी तो रास्ते में बीजेपी के विधायक अपने साथियों के साथ खड़े थे और उन्होंने गोलीबारी के साथ मारपीट शुरू कर दी। ताकि कोई और पर्चा न भर सके। ऐसा ही मामला जौनपुर के जलालपुर से सामने आया जहां ब्लॉक में एक उम्मीदवार के लोगों की गाड़ियों पर हमला कर उन्हें चकनाचूर कर दिया गया। गाड़ी में आए लोगों को पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया गया। 





कानपुर में तो नामांकन से पहले सपा के बिल्हौर और शिवराजपुर ब्लॉक से प्रत्याशी ही लापता हो गए है। बाद में समाजवादी पार्टी ने बताया कि उनके दो उम्मीदवारों का अपहरण कर लिया गया है। इसी तरह अम्बेडकरनगर में प्रदेश के पूर्व मंत्री लालजी वर्मा के हाथ से छीनकर पर्चा फाड़ दिया गया। आरोप बीजेपी प्रत्याशी तेजस्वी जायसवाल पर लगा है। चित्रकूट में तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नामांकन स्थल को ही कब्जे में ले लिया और सीओ को भी गेट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। उधर इटावा में बीजेपी समर्थक के प्रत्याशी को ही गोली लगने की खबर है। 





 





कमोबेश इस तरह की घटनाएं आज दिनभर प्रदेश के सभी इलाकों में देखी गई। राज्य के करीब तीन दर्जन से ज्यादा जिलों में हुए इस तरह की हिंसक घटनाओं का नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने अब 290 से ज्यादा सीटों पर निर्विरोध जीत का दावा किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस तरह की घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त किया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद यह पहली बार है जब नामांकन या चुनाव प्रक्रिया में इतने बड़े पैमाने पर गुंडागर्दी हुई है।