नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली जाने के लिए अड़ गए हैं। हरियाणा सरकार के तमाम हथकंडे नाकाफी साबित हो रहे हैं। सरकार ने रास्ते रोके तो किसान ट्रैक्टर लेकर घग्गर नदी में उतर गए। आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां झेलकर भी किसान मौके पर डंटे हुए हैं। हालांकि, अब किसानों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है। शंभू बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर पुलिस और किसानों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे भारत-पाक सीमा बना दिया है। हरियाणा सरकार को किसानों के लिए बाधाएं पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्हें दिल्ली नहीं जाने देना चाहिए। वहीं, पहलवार विनेश फोगाट ने भी किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि किसानों के साथ ऐसा बर्ताव करने की बजाय उनकी समस्या सुलझाए। किसानों पर इस तरह का अत्याचार निंदनीय है।

हरियाणा पुलिस ने कहा है कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही हरियाणा पुलिस पर पथराव किया। इसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन तथा आंसू गैस का इस्तेमाल करके स्थिति को नियंत्रण में लिया। कानून सभी के लिए समान है और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है। ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उधर, जींद में दाता सिंहवाला खनौरी बार्डर पर भी पंजाब के किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ है। दोनों तरफ से लाठियां चली हैं। जिसमें कई घायल हुए हैं। पंजाब के किसानों पर लाठीचार्ज की खबर फैलने के बाद अब हरियाणा के किसान भी लामबंद होने लगे हैं। बड़ी संख्या में हरियाणा के किसान खनौरी बॉर्डर पहुंचे। यहां पंजाब और हरियाणा के किसानों की मीटिंग हो रही है।

झड़प की खबरों के बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों का दिल्ली जाने मकसद अगर केंद्र सरकार से बातचीत है तो केंद्र सरकार यहां आकर बातचीत कर रही है। 2 बार बैठक हो चुकी हैं, आगे भी बैठक करने के लिए केंद्र सरकार मना नहीं कर रही है। ये समझ से परे है कि वह क्यों दिल्ली जाना चाहते है। ऐसा लगता है कि इनका मकसद कुछ और है। सरकार पूरी तरह से तैयार है। शांति भंग नही होने दी जाएगी

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पीएम मोदी को चिट्ठी लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि हम किसानों और श्रमिकों के 21 सूत्री मांग पत्र के समर्थन में 16 फरवरी, 2024 को औद्योगिक और क्षेत्रीय हड़ताल का ऐलान किया है। ग्रामीण भारत बंद के हमारे अखिल भारतीय आह्वान पर आपको एक बार फिर इस उम्मीद में लिखते हैं कि आपकी सरकार इसका कारण समझेगी। उन समस्याओं को हल करने के लिए, जिनका आपने 9 दिसंबर, 2021 को एसकेएम से वादा किया था।