5 जुलाई को साल 2020 का तीसरा ग्रहण लगा। कुल 02 घंटे 43 मिनट 24 सेकंड का चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर शुरू हुआ। यह 11 बजकर 22 मिनट तक रहा। उपछाया चंद्रगहण होने के कारण यह भारत में नहीं दिखाई दिया।। यह दक्षिण एशिया के कुछ इलाकों समेत अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई दिया।। इससे पहले 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था। वहीं 5 जून को चंद्र गहण लगा था। दोनों ग्रहण भारत में दिखाई दिए थे।

धनु राशि में लग रहा है चंद्रग्रहण

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला यह चंद्रग्रहण धनु राशि में लगा। इस वजह से धनु राशि के जातकों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। हिन्दू पंचांगों के अनुसार इस दिन सूर्य मिथुन राशि में होंगे और पूर्णिमा तिथि है। चूंकि यह एक उपछाया चंद्रग्रहण था जिसकी वजह से सूतक काल मान्य नहीं हुए।  सूतक काल में किसी भी प्रकार के धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मगर इस बार चंद्रग्रहण में ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी। साल 2020 में रविवार 5 जुलाई समेत 7 पूर्णिमा (Full Moon) बाकी हैं। 5 जुलाई के बाद 3 अगस्त, 2 सितंबर, 1 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 30 नवंबर और 29 दिसंबर को पूर्णिमा है। 

सामान्य चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण में अंतर

चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का का होता है। पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया चंद्र ग्रहण। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब चंद्र ग्रहण पड़ता है। इसमें चंद्रमा पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से ढंक जाता है। पूरा ढंकने पर पूर्ण और कुछ हिस्‍सा ढंकने पर आंशिक चंद्र ग्रहण होता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध लाइन में न होकर कुछ ऐसी स्थिति में होती है कि चंद्रमा के एक हिस्से में पृथ्वी की मलिन सी छाया पड़ती है। इसे ही उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।