देशभर में 14 से 17 जनवरी तक मनाए जाने वाले पोंगल पर्व की धूम हैं। पोंगल के मौके पर तमिलनाडु में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता होती है। इसी कड़ी में मदुरई में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता हुई। जिसमें बैलों के साथ लोगों ने लड़ाई की। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखे जा रहे हैं। इन वीडियों को देख कई लोग परंपरा का निर्वाह मान रहे हैं तो कई लोग इसे पशुओं के साथ क्रूरता करार दे रहे हैं। जल्लीकट्टू दो हजार साल पुराना खेल है। इसे तमिलनाडु का गौरव और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।
मदुरै में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान कई लोग घायल भी हुए। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का परंपरागत खेल माना जाता है। इसका आयोजन खास तौर पर पोंगल के मौके पर होता है। इस खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है।
यह दो शब्दों से मिलकर बना है। जली और कट्टू से जोड़कर बनाया गया है। तमिल में जल्ली का मतलब सिक्के की थैली होता है, और कट्टू का अर्थ है बैल की सींग। तमिलनाडु के गौरव औऱ संस्कृति का प्रतीक इस खेल को माना जाता है। इस खेल में प्रतिभागियों को एक निश्चित समय के भीतर बैल को काबू में कर करते हैं और उसकी सींग में बनी सिक्कों की थैली हासिल करते हैं।