धार के पास मौजूद प्राचीन शहर मांडू दसवीं- ग्यारवी सदी के आसपास बेहद विकसित शहर माना जाता था। परमार राजाओं के शासनकाल में इस शहर को खूब प्रसिद्धि प्राप्त हुई । तेरहवीं सदी में इसे मालवा के सुल्तानों ने इस शहर को खुशियों का शहर घोषित किया। यहां जहाज महल और हिंडोला महल को तत्कालीन वास्तुकला के समृद्ध ज्ञान के रूप में देखा जाता है। यहां रानी रूपमती का किला भी सैलानियों के लिे खास आकर्षम का केंद्र है।
चिड़िखो नरसिंहगढ़ राजघराने के लोगों की शिकारगाह हुआ करता था। सरकार ने यहां ेक छोटा डाकबंगला और अंग्रेज़ों के जमाने में बने बांध का रखरखाव कर रखा है। जंगलों के बीच बसे इस इलाके का दृश्य बेहद मनोरम है