दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर लंका विजय किया था, यह दिन असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। मान्यता है इसदिन दसो दिशाएं खुली होती हैं। इस दिन किया गया दान पुण्य कई गुना फल देता है। नवरात्र के नौ दिनों के बाद विजय दशमी का शुभ दिन आता है। विजय दशमी के दिन शस्त्र पूजा का विधान है। शस्त्रों को शुद्ध कर उसकी पूजा करने से शत्रु भय से मुक्ति मिलती है। 


शुभफल पाने के लिए अपनाएं खास उपाय

कारोबार में वृद्धि चाहने वालों के लिए दशहरे का दिन अति उत्तम माना जाता है। इस दिन शुरू किया गया बिजनेस शुभ फल देता है। व्यापार में कई गुना लाभ का मार्ग प्रशस्त होता है। दशहरे के मौके पर सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। भगवान राम और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। दशहरे के दिन दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पवनपुत्र हनुमान का ध्यान करें। उनके सामने तिल के तेल का दिया जलाएं, फिर सुंदरकांड का पाठ करें। इससे आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का खत्म हो जाती है।   विजय दशमी पर श्रीराम के 108 नामों का जाप करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन माता गायत्री के मंत्र का 108 बार पाठ करने से बुद्धि बल के साथ आत्मबल में बढ़ोतरी होती है। इस दिन भगवान को पान चढ़ाने और पान खाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
 

दशहरे पर भूलकर भी ना करें ये काम

दशहरे के दिन पेड़ कतई नहीं काटना चाहिए, मान्यता है कि इस दिन पेड़ काटने से व्यक्ति की सेहत खराब हो जाती है। बुजुर्गों, कन्याओं और महिलाओं का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए। नहीं तो जीवन भर के लिए लक्ष्मी की कमी सहनी पड़ेगी।