नई दिल्ली। आईपीएल दुनिया की न सिर्फ सबसे महंगी क्रिकेट लीग है बल्कि सबसे पॉपुलर लीग है। दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिकेट लीग की सबसे पॉपुलर क्रिकेट टीम में चेन्नई सुपरकिंग्स का नाम शुमार होता है। चेन्नई सुपरकिंग्स की सफलता का सारा श्रेय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिया जाता है। लेकिन आज तस्वीर कुछ और भी हो सकती थी। दरअसल टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बतौर कप्तान चेन्नई के मालिक एन श्रीनिवासन की पहली पसंद नहीं थे। 

इसका खुलासा टीम के पूर्व बल्लेबाज़ सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने किया है। बद्रीनाथ ने अपने एक साक्षात्कार में बताया है कि आईपीएल के पहले संस्करण में चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन टीम के कप्तान के तौर पर भारतीय टीम के पूर्व सलामी और तूफानी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग को अपनी टीम में शामिल करना चाहते थे। बतौर कप्तान वीरेंद्र सहवाग ही उनकी पहली पसंद थे।  

बद्रीनाथ ने बताया है कि जब श्रीनिवासन को यह पता चला कि वीरेंद्र सहवाग दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलने के लिए इच्छुक हैं तब श्रीनिवासन ने महेंद्र सिंह धोनी को आईपीएल की नीलामी में अपनी टीम में शामिल कर लिया। 

ज्ञात हो कि धोनी आईपीएल की पहली नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी थे। धोनी को आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 6 करोड़ रुपए में ख़रीदा था। दरअसल आईपीएल की नीलामी से पहले सभी टीमों ने अपने आइकॉन खिलाड़ी तय कर लिए थे। लेकिन नीलामी से ठीक पहले तक दिल्ली, राजस्थान और चेन्नई की टीम के पास अपना कोई आइकॉन खिलाड़ी नहीं था। मसलन कोलकाता नाईट राइडर्स ने सौरव गांगुली, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने राहुल द्रविड़, मुंबई ने सचिन तेंदुलकर,किंग्स इलेवन पंजाब ने युवराज सिंह, और डेक्कन चार्जर्स ने वीवीएस लक्ष्मण को आइकॉन खिलाड़ी बना दिया था। ये वो खिलाड़ी थे जो आईपीएल की नीलामी के लिए उपलब्ध नहीं थे। नीलामी से ठीक पहले तक वीरेंद्र सहवाग दिल्ली के साथ नहीं जुड़े थे। लेकिन अंतिम समय में वीरेंद्र सहवाग को दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपना आइकॉन प्लेयर घोषित कर दिया।