अन्ना नगर भोपाल का स्लम एरिया है। विकास के बड़े बड़े दावों के बाद अन्ना नगर में बुनियादी सुविधाएं न के बराबर हैं। पीने के पानी के लिए रोज सुबह 4 बजे से संघर्ष शुरू होता है और बिजली के लिए सरकारी पोल से तार जोड़ना पड़ता है। इसके बाद भी 4-8 घण्टे लाइट नहीं  रहती है। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी इसी अन्ना नगर की एक बेटी ने इस स्लम का नाम देश भर में रोशन किया है। इंजीनियरिंग कर रही गरीब परिवार की बेटी आरती न केवल कौन बनेगा करोड़पति के लिए चयनित हुई बल्कि महानायक अमिताभ बच्चन के सवालों के जवाब देकर 6 लाख 40 हज़ार रुपये जीतकर आईं। 

हम जानते हैं आरती जगताप के संघर्षों की कहानी उन्हीं की जुबानी।

प्रश्न: आरती, स्कूल शिक्षा कैसे पूरी हुई? आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?

आरती: मेरे पिता ने बहुत ही गरीबी में मुझे पाला, बड़ा किया, वे प्लम्बर का काम करते हैं और मेरी माँ दूसरों के घरों में खाना बनाती हैं। मेरे माँ-बाप ने ये संघर्ष हम भाई बहनों को पढ़ाने के लिए किया। मुझे सरकारी स्कूल में पढ़ाया। मेरे परसेंटेज अच्छे थे तो भोपाल के सबसे अच्छे स्कूल कार्मल कान्वेंट में एडमिशन मिला वहां गरीब बच्चों को दोपहर में अलग से पढ़ाया जाता है। इस तरह से मेरी स्कूली शिक्षा पूर्ण हुई।

प्रश्न: आरती, इंजीनियरिंग करने की प्रेरणा कहाँ से मिली और किस कॉलेज में प्रवेश मिला?

आरती: मेरे पिता चाहते थे कि मैं इंजीनियरिंग करूं। मैंने JEE की तैयारी की और टॉप किया उसी के माध्यम से मेरा चयन इंदौर के SGITS कॉलेज में हुआ जहां से मैं इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्युनिकेशन विषय पर द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हूँ।

प्रश्न: कौन बनेगा करोड़पति में जाने का सफर और बाद के क्या अनुभव हैं?

आरती: मेरी माँ हमेशा कहती थी कि बेटा कौन बनेगा करोड़ पति के लिए तैयारी करो उन्होंने बार बार मुझसे बोला फिर मैंने कौन बनेगा करोड़पति की जो प्रक्रिया थी उसको फॉलो किया। अलग अलग स्तर में मेरा चयन होता चला गया और एक दिन मेरे पास कॉल आया कि आपको कौन बनेगा करोड़पति खेलने के लिए आना है। मेरा और मेरे परिवार का खुशी से ठिकाना नही रहा। उसके बाद अमिताभ जी के सामने बैठना एक सपने की तरह था। मेरी माँ तो खुशी से रो पड़ी। चूंकि मैंने इस खेल के लिए ज्यादा तैयारी नही की थी तो ज्यादा पड़ाव पार नही कर पाई। लेकिन मैंने 6 लाख चालीस हजार रुपए जीते जो मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी रकम है। मैं जब लौट कर भोपाल आई तो हमें बहुत सम्मान मिला। लगभग रोज ही कोई न कोई मिलने आता है। माय एफएम ने मेरा इंटरव्यू लिया। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने मुझसे फ़ोन पर बात कर बधाई दी। उन्होंने बताया कि जिस कॉलेज में मैं पढ़ रही हूँ उसी कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की। उन्होंने मुझसे कहा कि जब भी कोई ज़रूरत पड़े तो उन्हें बताऊं। कौन बनेगा करोड़पति से जितने पैसे नहींजीते उससे कहीं ज्यादा हमें सम्मान मिला है।

प्रश्न: आरती आपका रोल मॉडल कौन है?

आरती: वैसे तो मैंने रोल मॉडल किसी को नही बनाया, लेकिन मेरे जीवन में मेरे माता पिता ही मेरे रोल मॉडल हैं उनका संघर्ष ही हमें प्रेरणा देता है।

प्रश्न: आरती आज के माहौल में जहां लड़कियां सुरक्षित नही हैं रोज कोई न कोई लड़की बालात्कार का शिकार हो रही हैं इस संबंध में आप समाज को क्या संदेश देंगी?

आरती: रोज ऐसी घटनाओं से डर तो लगता है लेकिन उसकी वजह से घर से निकलना बंद तो नही किया जा सकता। कहीं न कहीं समाज में ही सुधार करना पड़ेगा, मानसिकता बदलनी होगी। एक दिन में सुधार तो नही होगा समय लगेगा।

आरती के माँ-बाप इस देश के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं जिन्होंने गरीबी में रहकर भी अपने बच्चों को पढ़ाने में प्राथमिकता दी। और आरती से सभी बच्चों को सीखना चाहिए कि मां बाप के सपनों को साकार करने के लिए अपने आपको सभी सुखों से दूर रखकर मेहनत की भट्टी में तपाकर दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कैसे किया जाता है। भोपाल की इस बिटिया पर हम सबको नाज़ है और प्रदेश और देश के सभी नागरिकों से गुजारिश है कुछ भी करें लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे यही बच्चे आगे चलकर देश के भविष्य का निर्माण करेंगे।