जिंदगी में पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी जरूरी है, केवल पढ़ाई करके ही नहीं रहा जा सकता। दोनों में बैलेंस बना कर रखें तो कोई हर्ज नहीं है। ये कहना है छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा में 10वीं की टॉपर प्रज्ञा कश्यप का। उन्होंने पढ़ाई, मोबाइल और टीवी के लिए भी टाइम टेबल फिक्स कर रखा था। हर सब्जेक्ट में फुल मार्क्स लाने वाली प्रज्ञा को आत्म अनुशासन ने यह सफलता दिलाई है।

ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी हैं प्रज्ञा

प्रज्ञा कश्यप छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले की रहने वाली हैं। ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी, जरहागांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की । दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में अव्वल स्थान हासिल किया। प्रज्ञा को हर विषय में पूर्णांक मिले हैं। उनका कहना है कि हर विषय पढ़ना अच्छा लगता है, लेकिन गणित के सवाल हल करने में ज्यादा मजा आता है। वे कहती हैं कि उम्मीद तो थी कि अच्छा रिजल्ट आएगा लेकिन प्रदेश में टॉप करेंगी ये पता नहीं था। वे कान्फिडेंट तो थीं, लेकिन ओवर कान्फिडेंट नहीं थी। प्रज्ञा ने बताया कि पिछले दो साल से स्कूल की बाकी गतिविधियों में भाग लेना कम कर दिया था। प्रज्ञा ने बिना किसी कोचिंग के पढ़ाई की है, किसी भी परेशानी वाले सवाल में उनके पिता ने उन्हे मदद करते हैं।

 लिख-लिख कर उत्तर याद करने की अपनाई तकनीक

प्रज्ञा का कहना है कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा के लिए हर विषय की तैयारी लिख-लिख कर की थी । स्कूल के आलावा रोजाना करीब 5-6 घंटे पढ़ाई करती थीं। लगातार आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस की वजह से हर विषय में 100 में से 100 नंबर मिले हैं। ग्यारहवी में गणित विषय लेना चाहती हैं और आगे चलकर आईएएस ऑफीसर बनने का सपना संजोया है। जिसके लिए अभी आगे कड़ी मेहनत करनी है। छुट्टी के दिन वो हर रोज की अपेक्षा ज्यादा पढ़ने का लक्ष्य रखती थीं।

घर में मिलता है पढ़ाई का माहौल

ज्वाइंट फैमिली में रहने वाली प्रज्ञा का भरापूरा परिवार है, प्रज्ञा के पिता शिवकुमार कवर्धा के सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं। मां गृहणी हैं। घर में तीन चाचा और उनका पूरा परिवार साथ रहता है। बच्चों में सबसे बड़ी हैं। प्रज्ञा का कहना है कि उनके घर में पढ़ाई का माहौल मिलने का ही असर है कि उन्होंने अच्छा रिजल्ट हासिल किया। उन्हे अपने छोटे भाई-बहनों को पढ़ने में मदद करने में खुशी होती है।