मेरठ/नई दिल्ली। मेरठ की रहने वाली संजू रानी वर्मा ने यूपीपीसीएस की परीक्षा पास की है। उनका नाम यूपी पीसीएस (2018) के चयनित अभ्यर्थियों में आया है। संजू रानी वर्मा का परिश्रम जितना काबिले तारीफ उतनी ही दिलचस्प संजू की कहानी है। 

संजू सफलता की सीढ़ियां अपने घर से सात साल तक दूर रहने के बाद चढ़ पाईं हैं। साल 2013 की बात है जब संजू दिल्ली विश्वविद्यालय में पीजी की पढ़ाई कर रही थीं। संजू की मां का इंतकाल हो गया था। उस समय संजू की उम्र 28 वर्ष की थी। 

मां के देहांत के बाद संजू के ऊपर उनके घरवाले शादी करने का दबाव बनाने लगे। घरवाले चाहते थे कि संजू अपनी पढ़ाई छोड़कर शादी के बंधन में बंध जाए। लेकिन नियति और संजू के सपनों को कुछ और ही मंजूर था। संजू ने घर छोड़ दिया और दिल्ली में ही एक किराए के मकान में रहने लग गईं। 

घर से कोई आर्थिक सहायता न मिल पाने की वजह से संजू को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। संजू बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना खर्चा निकालने लगीं। संजू ने किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया भी। उधर संजू की तैयारियां चलती रहीं, और सपने भी अपनी उड़ान भरने लगे थे। 

अपने कठिन परिश्रम और सपने को हर हाल में पूरा करने की चाहत के बदौलत आखिरकार संजू रानी वर्मा ने यूपीएससीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। संजू रानी वर्मा कमर्शियल टैक्स ऑफिसर के रूप में अपना पदभार ग्रहण करने वाली हैं। हालांकि संजू रानी वर्मा की सपनों ने अभी भी कुछ और सोच रखा है। संजू का सपना है कि वे कलेक्टर बनें।