नई दिल्ली। सरकारी कंपनी भारतीय नौवहन निगम (एससीआई) ने जहाजों पर महिलाओं की प्रमुख भूमिकाओं में नियुक्ति करने के मामले में घरेलू प्रतिस्पर्धी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। कंपनी के सालाना रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने लैंगिक भेदभाव को लेकर निरपेक्ष नियुक्ति नीति पर अमल किया है। इसके कारण उसके कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से अधिक है। यह भी रोचक है कि कंपनी की चेयरपर्सन व प्रबंध निदेशक भी एचके जोशी के रूप में महिला ही हैं। कंपनी के पास कुल 646 कर्मचारी हैं, इनमें 135 महिलाएं हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एससीआई अपने बेड़े में नौकरियों के लिए महिलाओं की भर्ती के संबंध में भारत में अग्रणी रही है। अभी विभिन्न प्रकार के जहाजों पर दो मास्टर, पांच मुख्य अधिकारी, दो सेकंड इंजीनियर, 31 सेकंड-थर्ड अधिकारी, छह थर्ड-फोर्थ इंजीनियर और दो नर्स के पदों पर महिलाएं सेवारत हैं।’’

इसके अलावा, 13 महिला प्रशिक्षु समुद्री अधिकारी, चार महिला प्रशिक्षु समुद्री इंजीनियर और सात महिला प्रशिक्षु विद्युत इंजीनियर भी कंपनी का हिस्सा हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी रोजगार के समान अवसर के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है और कर्मचारियों को भेदभाव से मुक्त कार्यस्थल प्रदान करने का प्रयास करती है। एससीआई ने कहा, "कंपनी के प्रयास विभिन्न श्रेणीबद्ध ग्रेडों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में परिलक्षित होते हैं। अभी कंपनी के तटीय प्रतिष्ठानों में महिलाएं कुल कर्मचारियों की संख्या का लगभग 20.54 प्रतिशत हैं।"