विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल जीतने वाली इकलौती भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जार्ज को वुमेन ऑफ द इयर अवार्ड से नवाजा गया है। वर्ल्ड एथलेटिक्स संस्था ने अंजू को सम्मान दिया है। एथेंस ओलिंपिक में छठे स्थान पर रहने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज देश के लिए बहुत से मेडल जीत चुकी हैं। उन्हें यह सम्मान भारत में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। खासतौर पर महिलाओं को खेलों के लिए प्रेरित करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना करते हुए यह अवार्ड मिला है।

44 वर्षीय अंजू के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने सन् 2003 में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की लॉन्ग जंप प्रतियोगिता में ब्रांड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। आगे चलकर वे IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल में 2005 की गोल्ड मेडल विनर रही थीं। अंजू ने 6.83 मीटर जंप के साथ ओलंपिक 2004 में छठा स्थान हासिल किया था। सन 2006 के साउथ एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वे सन 2006 में ही दोहा में हुए एशियाई खेलों और 2007 में अम्मान में हुए एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। 

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 इंडियन एथलेटिक्स फेडरेशन की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर कार्य कर रही अंजू बॉबी जॉर्ज ने सन् 2016 में लड़कियों के लिए ट्रेनिंग एकेडमी की शुरुआत की थी। जिसमें अंडर-20 मेडल विनर्स को ट्रेनिंग दी जाती है। उनकी अकादमी से ट्रेनिंग पाने वाली युवा खिलाड़ी देश दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।वे इंडियन एथलेटिक्स फेडरेशन के सीनियर वॉइस प्रेसीडेंट के रूप लिंग समानता की वकालत करती हैं।वे देशभर की स्कूली  छात्राओं को खेलो में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करती हैं, वे उनके लिए मेंटार की भूमिका अदा करती हैं।   

अंजू बॉबी जार्ज को भारत सरकार ने सन् 2003 में अर्जुन पुरस्कार और 2004 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री से भी सम्मानित किया है। अंजू को भारत की पहली और एकमात्र एथलीट विश्व चैंपियनशिप मेडल विजेता होने का गौरव हासिल है। विश्व एथलेटिक्स ने उन्हें वुमेन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। अपनी इस उपलब्धि  पर उन्होंने खुशी जाहिर की है।