राजनांदगांव। महिलाओं और बच्चों के सुपोषित करने के लिए राजनांदगांव में कई कारगर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। महतारी जतन योजना के अंतर्गत जिले के करीब 13 हजार गर्भवती महिलाओं को सुपोषित करने की कवायद की जा रही है। जिले में रोजाना गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन प्रदान किया जा रहा है। आपको बता दें कि राजनांदगांव में 13 हजार 524 गर्भवती महिलाएं हैं, जिन्हें महतारी जतन योजना के तहत गरम भोजन दिया जा रहा है। इन गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाकर उनकी स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण नियमित रूप से किया जा रहा है।



महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के लिए रजिस्टर भी किया जा रहा है। जिनमें पात्रता अनुसार महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मनरेगा मातृत्व भत्ता और भगिनी प्रसूति योजना का लाभ मिल सकेगा। आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र में प्रचार-प्रसार के साथ रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है। राजनांदगांव में एक जुलाई 2019 से कुपोषण मुक्ति के लिए विशेष प्लान तैयार कर विभिन्न विभागों के कोआर्डिनेशन और सामुदाय की भागीदारी से कैपेन शुरु किया गया है। कुपोषण से बचाव के लिए परिवार सम्मेलन का आयोजन किया गया। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर करने के लिए काउंसिलिंग की जा रही है।



आपको बता दें कि 2 अक्टूबर 2019 से राजनांदगांव में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरु किया गया था। इसके तहत 5 साल तक के गंभीर कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित गर्भवती महिलाओं को हफ्ते में 3 दिन अतिरिक्त आहार दिया जा रहा है। जिसमें अंडा और मूंगफली-गुड़ चिक्की परोसी जा रही है। वहीं 3 साल तक के 11650 मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों को हफ्ते में एक दिन और 15-49 वर्ष की 433 महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रो में रोजाना गर्म खाना खिलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश के राजनांदगांव जिले की उपलब्धियों को अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया है।





राजनांदगांव जिले में कुपोषित बच्चों की जांच हर बुधवार की जा रही है। इसके लिए विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजनां में इस साल अब तक 9093 बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया। जिनमें 4281 गंभीर कुपोषित बच्चों को फ्री दवा बांटी गई। राजनांदगांव में 6 पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित हैं। 960 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रो का लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके लिए हर जिले के अधिकारियों को योजनाओं की कड़ाई से मानीटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं।