रायपुर। राजधानी के जिला अस्पताल में मंगलवार को 3 मासूम बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। वहीं एक परिजन का दावा है कि उसने दिन भर में 7 बच्चों की लाशें जाते हुए देखी है। जिला अस्पताल प्रबंधन पर आंकड़े छिपाने की कोशिश का आरोप लग रहा है। बेमेतरा से बच्चे को इलाज के लिए लाए परिजन का दावा है कि उसके बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है। जब बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तब अस्पताल प्रबंधन ने दूसरे अस्पताल के लिए रेफर किया। इस दौरान ना तो बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया और ना अन्य मेडिकल उपकरण मुहैया करवाए गए। इस बीच उसके दम तोड़ दिया।

वहीं एक अन्य परिजन का दावा है कि उनके बच्चे के इलाज में गंभीर लापरवाही की गई है। जिसकी वजह से उनके मासूम बच्चे की मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस ने मामला शांत करवाया।

बताया जा रहा है कि तीनों बच्चे NICU में  भर्ती थे। जिनकी तबीयत रात करीब 8 बजे के आसपास खराब हो गई। कोई कुछ कर पाता उससे पहले ही एक-एक करके उनकी मौत हो गई। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने किसी तरह की लापरवाही से इनकार किया है, उनका दावा है कि सभी बच्चों की मौत सामान्य थी। जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से एक रायपुर का था, दूसरा बेमेतरा और तीसरे बच्चे को पंडरी से इलाज के लिए लाया गया था।

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डाक्टरों ने सफाई दी है कि एक बच्चे के दिल में छेद था, वहीं दूसरा बच्चा कमजोर पैदा हुआ था, जिसे सोमवार से ही वेंटीलेटर पर था, सांस लेने में परेशानी की वजह से मंगलवार को उसकी मौत हो गई। तीसरे बच्चे की मौत भी सामान्य है, इसमें इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं की गई है। फिलहाल इस मामले की जांच के लिए अस्पताल में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।