छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां किसी शहर में उत्सर्जित कचरे का शत प्रतिशत निपटान वैज्ञानिक तरीके से होगा। बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे बड़े ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का ई लोकार्पण किया। यह संयत्र रायपुर नगर निगम ने सकरी गांव में स्थित है। इस सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम से अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र में रोज 500 टन कचरे का निपटान हो सकेगा। इस संयंत्र में कचरे से खाद बनेगी और सीमेंट कारखानों के लिए सहायक ईंधन भी मिलेगा। भविष्य में इस संयंत्र से 6 मेगावाट बिजली उत्पादन की भी योजना है।



67 एकड़ में बने इस संय़ंत्र में प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से पौधारोपण भी होगा। परियोजना की कुल लागत 197 करोड़ है, जिसमें संयंत्र का निर्माण 127 करोड़ की लागत से किया गया है। इसमें कचरे को ट्रीटमेंट प्लांट में प्रोसेस करके ट्रीटेड वाटर का इस्तेमाल बागबानी और ग्रीनबेल्ट मशीनरी में किया जाएगा। इस परियोजना के ठोस अपशिष्ट से 6 मेगा वॉट बिजली उत्पादन संयंत्र का प्रावधान भी किया गया है, जो छत्तीसगढ में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। नगर निगम रायपुर और नई दिल्ली की एमएसडब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड अगले 15 साल की मिलकर काम करेंगे। इस परियोजना के तहत घरों और दुकानों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, परिवहन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल की व्यवस्था भी की गई है।