भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है। हालात ये हैं कि किसान दो-दो दिन लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाद नहीं पा रहे हैं। राज्य में खाद की कतार में एक और किसान की मौत हो गई। टीकमगढ़ जिले का किसान भूखे-प्यासे कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कारी बजरुआ गांव निवासी 50 वर्षीय जमुना कुशवाहा सोमवार सुबह टीकमगढ़ तहसील स्थित बडौरा घाट वितरण केंद्र पर यूरिया खाद लेने गए थे, जहां उन्हें चक्कर और उल्टियां आने लगीं। इसके बाद वह गिर पड़े। मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसान को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया और उपचार के लिए भर्ती कराया। दोपहर करीब 3 बजे इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

परिजनों ने बताया कि जमुना कुशवाहा पिछले तीन दिनों से लगातार बडौरा घाट केंद्र पर खाद के लिए चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पाया था। घटना वाले दिन वे सुबह बिना नाश्ता किए ही केंद्र पर पहुंच गए थे। दोपहर करीब 12 बजे उल्टियां होने के बाद वे अचानक बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई। 

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दीपक ओझा ने बताया कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में कॉर्डियक अटैक के संकेत मिले हैं। मृतक के बेटे छोटू कुशवाहा ने जानकारी दी कि उनके पिता के पास केवल एक एकड़ जमीन थी और कुछ जमीन गांव की बंटाई पर ली हुई थी। वे दो बोरी यूरिया खाद के लिए पिछले तीन दिनों से आ रहे थे। 

बुधवार देर रात युवक कांग्रेस अध्यक्ष पार्थ सिंह भी कारी बजरुआ गांव स्थित मृतक किसान के परिवार से मिलने पहुंचे। पार्थ सिंह ने इस दौरान मृतक किसान के छोटे भाई छक्की लाल कुशवाहा और बेटे छोटू कुशवाहा की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से फोन पर बात कराई। जीतू पटवारी ने छोटू कुशवाहा से पूछा कि क्या घटना के बाद कोई प्रशासनिक अधिकारी उनसे मिलने आया। बेटे ने जवाब दिया कि अब तक कोई अधिकारी नहीं आया है और न ही कोई आर्थिक मदद मिली है।

मृतक किसान के छोटे भाई छक्की लाल कुशवाहा ने फोन पर जीतू पटवारी को बताया कि जिला प्रशासन का दावा है कि 7 दिसंबर को दो बोरी यूरिया खाद दी गई थी, लेकिन हकीकत में उन्हें खाद नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा है। बता दें कि दो हफ्ते पहले ही गुना जिले में 45 वर्षीय भूरी बाई की भी खाद की कतार में मौत हो गई थी।