रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की ऑटोबायोग्राफ़ी सपनों का सौदागर जल्द लोगों के पढ़ने के लिए उपलब्ध होगी। किताब छपने जा चुकी है। अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने अपने पिता की आत्मकथा ‘सपनों का सौदागर’ का कवर पेज सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने लिखा है कि बहुत जल्द लोग इसे पढ़कर उनके पिता के अद्भुत जीवन सफ़र से प्रेरणा ले पाएंगे। अमित जोगी ने ट्वीट के जरिए बताया कि उनकी मां डॉक्टर रेणु जोगी उनके पिता की आत्मकथा ‘सपनों का सौदागर’ के प्रकाशन के लिए दिल्ली गयी हैं।



 





 



 आपको बता दें कि अजीत जोगी ने अपने निधन से दो हफ्ते पहले ही अपनी ऑटोबायोग्राफ़ी बोलकर यानी डिक्टेशन के माध्यम से लिखवायी थी। उनकी पत्नी रेणु जोगी ने अपने पति की बायोग्राफ़ी की प्रूफ़ रीडिंग की है। अब यह किताब  प्रिंटिंग के लिए दिल्ली भेजी गई है। इस किताब को लेकर जोगी परिवार और जोगी समर्थक काफी उत्साहित हैं।



आपको बता दें कि अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही में उपचुनाव होने वाले हैं, जहां से उनके बेटे अमित जोगी चुनाव लड़ने वाले हैं। वे जल्द ही चुनाव के लिए अपना नामांकन जमा करने वाले हैं। पहले उनकी पत्नी ऋचा जोगी के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसकी तैयारी भी जोगी परिवार ने कर ली थी। लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने एक बार फिर जोगी परिवार की जाति का मुद्दा उठाया।



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इस बार अजीत जोगी की बहू ऋचा के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े किए हैं। उनके जाति प्रमाण पत्रों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। जिसके खिलाफ ऋचा जोगी ने कोर्ट में याचिका दायर की है। इन सब के बीच अमित जोगी ने ऐलान किया है कि वे खुद मरवाही से चुनाव लड़ेगें। उन्होंने कांग्रेस से आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब जोगी कांग्रेस में होते हैं तो वे आदिवासी हैं, अगर किसी अन्य पार्टी में होते हैं तो गैर आदिवासी।